नगर परिषद बरगवां के मेला मैदान, हनुमान मंदिर ग्राउंड की भूमि पर अवैध कब्जा*
अनुपपुर/बरगवां :- मध्य प्रदेश शासन की संरक्षित भूमि मेला मैदान हनुमान मंदिर ग्राउंड नगर परिषद बरगवां के वार्ड क्रमांक एक अंतर्गत खसरा नंबर 101 एवं 144/1 दोनों ही रकवा भूमि मध्य प्रदेश शासन की है जिस पर कुछ लोगों के द्वारा अवैध कब्जा करते हुए शासन की भूमि पर मकान बाड़ी आदि बनाकर मेला भूमि को संकीर्ण कर दिए हैं।
ज्ञात होगी इसी भूमि पर कई वर्षों से एक पीपल का पेड़ लगा हुआ है बगल में हैंडपंप है जिस पर स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा और आसपास के लोगों के द्वारा मृत्यु उपरांत की जाने वाली विधि क्रिया कर्म पिंडदान एवं श्राद्ध जैसी प्रक्रियाओं पर अवैध रूप से मकान बनाकर मध्य प्रदेश शासन की भूमि पर कब्जा किया हुआ व्यक्ति परिवार के किसी सदस्य के देहांत के बाद जब पूरा परिवार शोकाकुल एवं पीड़ित अवस्था में यह क्रिया कर्म करता है उसे समय वहां पास अवैध रूप से भवन निर्माण करके रहने वाला व्यक्ति उनके इस क्रिया कर्म की विधि पर पति-पत्नी उन दुखी व्यक्तियों के साथ अभद्रता पूर्ण आचरण और पीपल के पेड़ में जो हमारे हिंदू धर्म के अनुसार पुरातन विधि है प्रक्रिया है घड़े को बांधा जाता है उसे गिराकर तोड़ दिया गया और बाधित करने का प्रयास निरंतर और बदस्तूर जारी है अभी कुछ समय पूर्व नगर परिषद के वार्ड क्रमांक एक में रहने वाले तिवारी परिवार के बुजुर्ग की मृत्यु होने के कारण इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा था इस समय अवैध रूप से शासन की भूमि पर कब्जा करके मकान बने मनोज चौरसिया के द्वारा पीपल के पेड़ में स्वयं के द्वारा लिखित बोर्ड लटकाकर उसमें यह लिखा गया था कि यहां पास पीपल के पेड़ का उपयोग न करें और ऐसा करने के बाद उसके द्वारा विवाद एवं मारपीट किया गया जबकि पूर्व में पंचायत के द्वारा पीपल के पेड़ के चारों ओर फर्शीकरण कराया गया था जिससे लोगों को क्रिया कर्म की विधि में किसी प्रकार की परेशानी ना हो यह भी है कि कई वर्षों से यह विधि को अंजाम दिया जा रहा है लेकिन वर्तमान में एक युवक द्वारा मध्य प्रदेश शासन की भूमि पर बेजा कब्जा करते हुए इस तरह कृत्य को अंजाम दे रहा है जो की अबमानना का कृत्य है जिस पर शासन के द्वारा इस प्रकार किए गए अवैध कब्जा भूमि खसरा नंबर 144/1 पर बने मकान को ध्वस्त करते हुए रिक्त कराए जाने का कार्य किया जाना चाहिए क्योंकि क्रिया कर्म की विधि आज कई वर्षों से पीपल के पेड़ के नीचे संपन्न किया जाता रहा है लेकिन इस अवैध कब्जा किए हुए व्यक्ति के द्वारा मध्य प्रदेश शासन भूमि पर वर्तमान में घर बनाया गया है जो की पूर्णता नियम विरुद्ध है।
 
 
 
 
 

 
