मध्य प्रदेश पटवारी संघ जिला इकाई अनूपपुर ने विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर :- जिले के पटवारियों ने वेतमान, पदोन्नति व अन्य मांगों को लेकर अनूपपुर कलेक्टर को मुख्यमंत्रीनक नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमे जहाँ गया है कि, प्रदेश का पटवारी ना सिर्फ अपने प्रदेश अपितु राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्कृष्ट कार्यों के द्वारा केन्द्र सरकार की हर योजनाओं के क्रियान्वयन मे सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी होकर प्रदेश को पुरूस्कृत से सम्मानित होने का गौरवशाली अवसर प्रदान कराया है, चाहे वो भू-अभिलेख का डिजीटाइजेशन हो या प्रधानमंत्री आवास स्वामित्व योजना जैसे कार्य हो, किंतु बेहद खेद का विषय है की प्रदेश स्तर पर चाहे वेतमान हो, पदोन्नति हो, स्थानांतरण या अन्य मौलिक अधिकार हो उसका शोषण हुआ है। जो निम्नलिखित है।
स्थानांतरण: वर्तमान मे अंतरजिला संविलयन में प्रदेश स्तर पटवारियों के स्थानांतरण में वंचित वास्तविक ओर उचित पात्र पटवारियों द्वारा स्थानांतरण योजना का लाभ नहीं दिया है। जिसमें शासन की संविलयन स्नानांरण नीति के तहत निम्न श्रेणी के पात्रों को स्थानांतरण से वंचित किया जो मुख्य है। 1. पति एवं पत्नी दोनों पटवारी होने पर भी एक जिले पदस्थापना का लाभ नहीं दिया गया। 2. पति पत्नी दोनों शासकीय सेवक होकर भी एक ही जिले स्थानांतरित नहीं किया गया। 3. वैवाहिक स्थिति में महिला पटवारियों को उनके ससुराल क्षेत्र के जिलो स्थानांतरित नहीं किया गया। 4. गंभीर रूप से बिमारी से पीड़ित पटवारियों को उनके गृह जिलो में पदस्थापना से बंचित रखा गया। 5. आपसी सहमति (म्यूचुअल) स्थानांतरण आवेदन की स्थिति मे एक को लाभ दिया दूसरे पटबारी को वंचित रखा गया। 6. संविलियन स्थानांतरण नीति के तहत पांच प्रतिशत के हिसाब लगभग 1200 पटवारियों को स्थानांतरण की पात्रता बनती है। लेकिन मात्र 509 पटवारियों का स्थानांतरण का लाभ देकर लगभग 700 से अधिक पटवारियों को स्थानांतरण लाभसे वंचित किया गया है। 8. जिला स्तर पर गृह तहसील को आधार बनाकर मध्यप्रदेश पटवारी संघ के मान्यता प्राप्त पदाधिकारियों को निशाना बनाकर नियम विरुद्ध प्रताड़ना की दृष्टि से स्थानांतरण किए तथा पटवारी को गह तहसील के मद्दे पर बेतहाशा संख्या मे पटवारियों का स्थानांतरण किया गया। पटवारी संघ मांग करता है कि न्यायोचित वंचित पटवारियों का स्थानांतरण किया जावे तथा पटवारी पदाधिकारियों एवं गृह तहसील के आधार पर किए स्थानांतरण निरस्त किए जावे।

2. समान कार्य समान वेतनमान: प्रदेश के पटवारियों वेतमान को विगत 27 वर्ष की उन्नयन नहीं किया है। जबकि राजस्व विभाग के सभी पदों का वेतनमान उन्नयन किया गया है। इसी प्रकार पटवारियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक, कम्प्यूटर सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण तथा कार्यों में राजस्व निरीक्षक के सीमांकन जैसे कार्यों को भी सौपा गया है। किंतु इस आधार पर समान कार्य समान वेतन पे ग्रेड 2800 प्रदान नहीं की गई है। जो वर्षों से लंबित है।
3. कैडर रिव्यू :- प्रदेश के पटवारियों के लिए शासन द्वारा कैडर रिव्यू का प्रस्ताव वर्ष 2018 से तैयार किया गया है। जिसे पटवारी संघ लागू करने हेतु सतत मांग कर रहा है किंतु लागू नहीं किया है। उसे शीघ्र लागू किया जावे।
4. पदोन्नति :- मध्यप्रदेश शासन के निर्देश अनुसार प्रदेश के लगभग सभी विभागों एवं राजस्व विभाग के भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। किंतु सिर्फ पटवारियों को ही वंचित करते हुए कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है।
5. विभागीय परीक्षा :- शासन के नियमानुसार प्रति वर्ष नायब तहसीलदार पद हेतु विभागीय परीक्षा शासन द्वारा आयोजित की जाना आवश्यक है। किंतु विगत छह वर्षों से पटवारियों को वंचित रखते हुए, नायब तहसीलदार पद हेतु विभागीय परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है। जिसे प्रतिवर्ष आयोजित कर इसका लाभ पटवारियों को पहुंचाया जावे।
6. गोपनीयता चरित्रावली प्रदेश के प्रत्येक जिलो की लगभग सभी तहसीलों के लगभग हजारों पटवारियों की गोपनीय चरित्रावली सी आर वर्षों से नहीं लिखी गयी है। जिससे उन्हें समयमान वेतनमान के आर्थिक लाभों से वंचित किया जा रहा है। इस हेतु प्रदेश स्तर पर अभियान चलाकर उनकी सी आर पूर्ण करवाई जावे तांकि उन्हें समयमान वेतनमान तथा पदोन्नति में समस्या का सामना ना करना पड़े।
7. अतिरिक्त वेतन :- अवकाश कालीन दिवस शनिवार एवं रविवार में प्रदेश के पटवारियों से शासकीय कार्य नहीं कराया जावे, अन्यथा अवकाशकालीन दिवसों में कार्य करवाने के एवज में पुलिस विभाग की भांति पटवारियों को भी वर्ष मे एक माह का अतिरिक्त वेतन (13 माह) का वेतन प्रदाय किया जावें।.
8. स्वामित्व योजना की राशि का भुगतान :- प्रदेश के लगभग सभी जिलों स्वामित्व योजना का कार्य पुर्ण हो चुका है। किंतु इसकी मानदेय राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इस हेतु जिला स्तर पर पटवारियों के स्वामित्व योजना के मानदेय की राशि का शीघ्र भुगतान हेतु निर्देश प्रदान किए जाएं।
9. सायबर तहसील :- शासन द्वारा आनलाइन रजिस्ट्री नामांतरण हेतु साइबर 2.0 साइबर तहसील भोपाल का निर्माण किया है। जिसमें पटवारियों द्वारा अपने प्रतिवेदन पूर्ण कर साइबर तहसील भोपाल की ओर अग्रेषित किए है। किंतु ऐसे हजारों की संख्या में वहां नामांतरण पेंडिंग है। जिसका साइबर तहसील स्तर पर निराकरण नहीं किया जा रहा है। जिससे पटवारियों को कृषकों का कोप भाजन था अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से प्रताडित व दंडित किया जा रहा है। अतः सायबर तहसील की समस्या पर पटवारी को प्रताड़ित व दंडित नहीं किया जाए व सायबर तहसील भोपाल स्तर पर इनका तत्काल निराकरण हो।
माननीय महोदय से निवेदन है कि प्रदेश के पटवारियों की उक्त न्यायोचित मांगों का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण करें, अन्यथा प्रदेश का पटवारियों उक्त मांगों निराकरण ना होने की स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन हेतु बाध्य होगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।