अमरकंटक में साप्ताहिक बाजार की व्यवस्था बदहाल
सावन महीने में लाखों तीर्थयात्री,श्रद्धालु,पर्यटक पहुंचते है नर्मदा क्षेत्र
श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक : - मां नर्मदा की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी अमरकंटक में अनेक वर्षों से साप्ताहिकी बाजार लगते चली आ रही है जो यह क्षेत्र नगर के मध्य मानी जाती है ।
यह बाजार नगर में हर रविवार को लगती है और अनेक बड़े जगहो से व्यापारी बंधु , ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व्यापारी आकर अपनी दुकान लगाते चले आ रहे है । अमरकंटक के इस साप्ताहिक बाजार में बाहर से पहुंचे यात्री , श्रद्धालु , पर्यटक , नगर में निवासरत नागरिक , साधु संत सभी साप्ताहिक बाजार पहुंच अपने जरूरत की वस्तु ,सब्जी , भाजी आदि की खरीददारी करते है ।
सावन के महीने में वर्षा होना लाजमी है पर जो व्यवस्था साप्ताहिक बाजार की वर्तमान में दिख रही वह पवित्र नगरी के लिए ठीक नहीं । बाजार क्षेत्र में पर्यटक , तीर्थयात्री सहित नगरवासी पहुंचते है । वर्तमान में कीचड़ का आलम फैला हुआ है जिस पर इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए । साप्ताहिक बाजार में व्यापारी और ग्राहक यही कहते नजर आएंगे कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है , इस ओर प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए ।
साप्ताहिक बाजार की व्यवस्था व्यवस्थित और साफ सुथरी होनी चाहिए ।
बारिश के मौसम में कीचड़ खूब फैला हो , तो यह न केवल आम लोगों की सुविधा में बाधा है , बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालेगा ।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इससे भारी परेशानी होती है ।
रामघाट पास और पार्किंग स्थल तक खूब कीचड़ रोड़ो पर है । वाहन से चलने वाले तो कीचड़ की बिना फिक्र किए गुजर जा रहे पर राह चलते पैदल वालो की क्या मुसीबत है यह उन्हीं से पूंछा जा सकता है । पार्किंग पास लगे दुकानदार भी रास्ते के कीचड़ और गड्ढे से भारी परेशान है । वाहन पास से गुजर जाने के बाद उछला कीचड़ और गंदा पानी से लोगों को भारी परेशानी हो रही है । पैदल चलने वाले को कीचड़ से बचते बचाते चलना पड़ता है और हाथ में सब्जी का थैला लिए उस रास्ते गुजरने वाले लोगों ने प्रशासन को इधर ध्यान देने की बात कहते है ।
व्यापारी संघ के संरक्षक श्यामलाल सेन ने इस पर बोले कि यह पवित्र नगरी है लोग भारी संख्या में आते जाते है । आम रास्तों में कीचड़ , साप्ताहिक बाजार क्षेत्र का ये हाल ठीक नहीं । शासन प्रशासन को जल्द व्यवस्था दुरुस्त किया जाना चाहिए ।
नगर परिषद अमरकंटक सीएमओ चैन सिंह परस्ते ने कहे कि जहां जहां गड्ढे , कीचड़ है वहां मुरूम डलवाई जाएगी और साप्ताहिक बाजार में मुरूम गिरना शुरू हो गया ।