50 दिन बाद छत्तीसगढ़ वापस पहुंचे तीन हाथी,जिले वासियो ने ली राहत की सांस
अनूपपुर :- में जिले में निरंतर 50 दिन तक विचरण करने बाद तीन हाथियों का समूह गुरुवार एवं शुक्रवार की मध्य रात्रि जिले की सीमा को पार कर छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही क्षेत्र में पहुंचकर जंगल में विश्राम कर रहे हैं तीनों हाथियों के जिले में विचरण दौरान सैकड़ो ग्रामीणों के घर,खेत एवं बांड़ियों में रखे एवं लगे विभिन्न तरह की अनाजों को अपना आहार बनाया है इस बीच ग्रामीणो एवं वनविभाग की गस्ती दल की सक्रियता के कारण किसी भी तरह की अनहोनी नहीं हो सकी वही हाथियों से हुए नुकसान पर जिला प्रशासन एवं वनविभाग की टीम द्वारा सर्वे कर राहत राशि का प्रकरण तैयार कर राहत राशि दिये जाने की कार्यवाही की है।
50 दिन पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही क्षेत्र से एक एवं दो की संख्या में अलग-अलग आए तीन हाथियों का समूह एक साथ मिलकर अनूपपुर जिले के जैतहरी,अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम इलाकों में विचरण करने बाद फिर से अनूपपुर एवं जैतहरी इलाके में आकर दिन के समय जंगलों में ठहरकर विश्राम करने बाद शाम एवं रात होने पर प्रत्येक दिन अलग-अलग दिशाओं में निकल कर आसपास के ग्रामो,टोला,मोहल्ला के ऐसे इलाके जो जंगल से लगा हुआ है के साथ 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय कर अचानक पहुंचकर आहार की तलाश में 100 से अधिक घरों खेत,बांडियों में लगे तथा रखें विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाते हुए सुबह होने पर फिर से जंगलों में जाकर ठहर जाते रहे हैं विगत छह दिनों से तीनों हाथी वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी के धनगवां एवं चोलना बीट के जंगलों में दिन में ठहरने बाद रात होते ही कुसुमहाई,चोई,पड़रिया,कुकुरगाड़ा आदि गांव के विभिन्न टोला-मोहल्ला में विचरण करते हुए दिन में जंगलों में रह रहे थे गुरुवार की शाम तीनों हाथी धनगवां एवं चोलना बीट के चोई गांव से लगे जंगल से निकलकर पड़रिया,छातापटपर,चोलना होते हुए मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सीमा के मध्य ग्राम पंचायत चोलना के गूजरनाला को पार कर छत्तीसगढ़ राज्य के शिवनी सर्किल एवं बीट के ग्राम पड़री देवंगवा होते हुए घुसरिया बीट के जंगल कक्ष क्रमांक 2049 जो चरचेडी गांव के समीप है के बांस प्लांटेशन में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं रात में देवगवा गांव में गोविंद के घर में तोड़फोड़ किए जाने पर घर का मालवा गिरने से 7 वर्ष के बालक रुद्र के हाथ एवं पैर में चोट लगी जिसे जैतहरी एवं शिवनी के वन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उपचार हेतु मरवाही के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया इस बीच हाथियों द्वारा पांच किसानों के खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बनाते रहे 50 दिनों तक हाथियों के विचरण में दौरान हाथियों द्वारा अनूपपुर जिले एक सौ से अधिक ग्रामीणों के घरो,खेत एवं बांडियों में लगे तथा रखें विभिन्न तरह के अनाजों को खाकर,तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया जिस पर जिला प्रशासन एवं वनविभाग की संयुक्त टीम द्वारा समय-समय पर नुकसानी का सर्वेक्षण करते हुए राहत प्रकरण तैयार कर राहत राशि दिए जाने की कार्यवाही की इस दौरान वनविभाग का गस्ती दल,ग्रामीण एवं ग्राम पंचायतो के पदाधिकारियों एवं पुलिस के सहयोग से आम जनों की सुरक्षा के साथ हाथियों की सुरक्षा पर निरंतर निगरानी रखा हुआ रहा जिससे 50 दिनों के मध्य किसी भी तरह की अनहोनी घटना नहीं हो सकी हाथियों के अनूपपुर जिले से वापस छत्तीसगढ़ राज्य रवाना होने पर अनूपपुर जिले के जैतहरी,अनूपपुर के ग्रामीणो ने राहत की सांस ली है हाथियों के विचरण के कारण 50 दिनों तक हाथियों के विचरण से प्रभावित क्षेत्र के 10 से 12 गांव के ग्रामीण प्रत्येक दिन रात-रात भर जाग कर अपनी एवं अपने परिजनों की सुरक्षा करते रहे।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर