बिन पानी सब सून...
वास्तविकता से कोसो दूर है ज़िले में नल - जल योजना की जमीनी हकीकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी नल जल योजना जिसका उद्देश्य हर घर नल, हर घर जल था उसकी अनूपपुर जिले में जमीनी हकीकत बद से बदतर है
मामला पुष्पराजगढ़ ब्लाक के बरबसपुर ग्राम पंचायत के ग्राम सुनहरा का है जहा सरकार के लाखों रुपये जमीन में ड्रिलिंग के नाम पर फूक डाले गए, गगन चुम्बी पानी की टंकी खड़ी कर दी गई व पूरे गाँव मे पाइप लाइन भी बिछा दी गई और ठेकेदार ने मालामाल होकर गाँव से रवानगी ले लिया एक वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन अब तक गगन चुम्बी टंकी और घरों की नलो की टोटियों में बूँद भर भी पानी नही पहुचा है
एस डी ओ कह रहे है की ड्रिलिंग में पानी नही निकला है, अगले हप्ते नई ड्रिलिंग कराएंगे
अरे साहब इतनी जल्दी क्यों जाग रहे है आप थोड़ा और भीषण गर्मी पड़ जाने दीजिए ..एक साल से ज्यादा समय ऐसे ही गुजार दिया गया है तो सवाल उठता है कि क्या एस डी ओ एक साल से ठेकेदार के साथ हिसाब किताब में व्यस्त थे जब ड्रिलिंग में पानी नही निकला था तत्काल दूसरी ड्रिलिंग क्यों नही करवाई गई थी ?
एक्सक्यूटिव इंजीनियर साहब कह रहे है मौका पर जाके देखेंगे और पानी की समस्या हल कराएंगे
बिल्कुल कराना चाहिए साहब ग्रामीणों ने आपसे ऐसी ही उम्मीद पाल रखी है आप जाए तो ग्रामीणों की व्यथा को भी सुनियेगा
ग्रामीणों को नदी नाले से डिब्बो में भरकर कावर में लादकर पानी न लाना पड़े, सूखे हैंडपम्पों से हवा की जगह पानी निकालने लगे ऐसी व्यवस्था बनाइयेगा ,कम से कम ग्रामीणों को पीने का पानी तो शुलभ तरीके से मिले सके, हो सके तो नल जल योजना के ऐसी दुर्दशा के लिए जिमेदारो की जिम्मेदारी भी तय करके जाइयेगा
अनूपपुर :- सरकार की बहुप्रचारित नल जल योजना का सच अनूपपुर जिले में उजागर हो गया है। यहां के कई गांवों में हैंडपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं, जबकि लाखों रुपये की लागत से बनी पानी की टंकी महज शोपीस बनकर रह गई है। परिणामस्वरूप, ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं और अपनी बुनियादी जरूरत के लिए भटक रहे हैं।
हैंडपंप सूखे, टंकी बेकार, पानी के लिए तरसते ग्रामीण
विशेष रूप से पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के बरबसपुर गांव में हालात बदतर हो चुके हैं। ग्रामीणों के लिए स्वच्छ पेयजल का कोई इंतजाम नहीं है। जो लोग वाटर टैंक खरीद सकते हैं, वे बाजार से पानी खरीदकर गुजारा कर रहे हैं, जबकि बाकी गांववाले मजबूरी में तालाब और गड्ढों का गंदा पानी पीने को विवश हैं।गांव में पहले कई बोरवेल थे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण उनमें केसिंग पाइप नहीं डाले गए, जिससे जल स्रोत बंद हो गए। वहीं, सरकार द्वारा बिछाई गई जल सप्लाई पाइपलाइन कई जगह जमीन के ऊपर पड़ी नजर आ रही है, जबकि घर-घर लगाए गए नल अब तक पानी की एक बूंद नहीं दे सके हैं।
100% कागजों में संचालित योजना, जमीनी हकीकत शर्मनाक
नल जल योजना के तहत गांव-गांव में हैंडपंप लगाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों को जगह-जगह से तोड़ दिया गया, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, कागजों पर यह योजना 100% सफल बताई जा रही है, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है।गांववालों का कहना है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते यह योजना पूरी तरह से विफल हो चुकी है। शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो ग्रामीणों के लिए यह जल संकट और गंभीर हो सकता है।अब सवाल यह है कि सरकार कब तक इस लापरवाही पर आंखें मूंदे रखेगी? क्या प्रशासन नींद से जागेगा या फिर गांववालों को यूं ही गंदे पानी के सहारे जीने के लिए छोड़ दिया जाएगा?
इनका कहना है :-
आपके माध्यम से पुष्पराजगढ़ विकासखंड के बरबसपुर का मामला संज्ञान में आया है, वहाँ पेय जल की समस्या है स्थल पर विजिट करके वास्तविक स्थिति को देखकर जो भी समस्या होगी उसका निराकरण कर पेयजल व्यवस्था बहाल की जाएगी
अमित शाह
ई ई पी एच ई अनूपपुर
नलपूप ड्रिलिंग में पर्याप्त पानी न मिलने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है अगले 15 दिन में नवीन नलकूप खनन करेंगे और जलप्रदाय प्रारम्भ करेंगे वर्तमान में स्थापित हेंडपम्पो को सुधार करवा दिया गया है जिससे ग्रामीणों को पानी की समस्या न हो
दीपक साहू
प्रभारी एस डी ओ पी एच ई