8 कि,मी,की दूरी तय कर बांका से बैहार पहुंचा दो हाथियों का समूह,अचानक सामने आए हाथी से बाल-बाल बचा जैतहरी वन विभाग का अमला publicpravakta.com


8 कि,मी,की दूरी तय कर बांका से बैहार पहुंचा दो हाथियों का समूह,अचानक सामने आए हाथी से बाल-बाल बचा जैतहरी वन विभाग का अमला


 शशिधर अग्रवाल


अनूपपुर :-  जिले में विगत तीन दिनों से दो नर हाथी निरंतर विचरण कर रहे हैं जो सोमवार के पूरे दिन वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत केकरपानी एवं बांका के जंगल में विश्राम करने बाद देर रात बांका के जंगल से निकलकर दुधमनिया,लखनपुर डालाडीह होते हुए औढेरा बीट के कक्ष क्रमांक पी,एफ,360 ग्राम पंचायत बैहार के जंगल में मंगलवार की सुबह 8 कि,मी,की दूरी तय कर पहुंच कर विश्राम कर रहे हैं दोनों हाथियों ने रात मे आबादी वाले ग्रामों से गुजरते हुए देर रात लखनपुर के जंगल में दो घंटा बिताया इस बीच दुधमनिया,लखनपुर के ग्रामीणों द्वारा हाथियों को आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने के लिए एकत्रित होकर हो-हल्ला के साथ ट्रैक्टरों का भी प्रयोग प्रवेश को रोकने के लिए किया जिससे हाथी आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सके मंगलवार की सुबह दोनों हाथी ग्राम पंचायत बैहार के केरहाई जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं जो देर रात किस तरफ विचरण करेंगे यह रात होने पर ही पता चल सकेगा।

 एक दिन पूर्व सोमवार की सुबह 2:30 बजे के लगभग यह दोनों हाथी पगना गांव के जल्दा बांध से विचरण करते हुए पगना-ठेगरहा मुख्य मार्ग पर लगभग दो कि,मी,चलते रहे इस बीच वन परीक्षेत्र जैतहरी के वन परिक्षेत्राधिकारी विवेक मिश्रा अपने परिक्षेत्र सहायकों,वनरक्षको,सुरक्षा श्रमिकों के साथ वन परिक्षेत्र की सीमा गोबरी बीट के ठेगरहा गांव में कुन्ना कोल के घर के पास मुख्य मार्ग पर हाथी विचरण की गतिविधियों पर नजर बनाते हुए विश्राम कर रहे थे तभी दोनों हाथी अचानक वन परिक्षेत्र अधिकारी जैतहरी की बोलेरो गाड़ी के समीप पहुंच गए अचानक हाथी के पहुंचने पर सभी घबरा गए जिस दौरान फोड़े गए पटाखे से दोनों हाथियों ने अपना रुख बदल दिया जिससे  वन कर्मी बाल-बाल बच सके।

 सोमवार की देर रात अनूपपुर वन मंडलाधिकारी सुश्री श्रद्धा पेन्दे हाथी विचरण क्षेत्र ग्राम केकरपानी का भ्रमण कर दोनो हाथियों के विचरण की गतिविधियों की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से लेते हुए ग्रामीणों से चर्चा की जिसमें उन्होंने ग्रामीणों से समूह बनाकर हाथियों के नजदीक न जाने,उन्हें परेशान ना करने,जंगल के किनारे अथवा गांव से बाहर अलग-अलग तरह से घर बनाकर रह रहे ग्रामीणों को देर शाम होने के पूर्व बीच बस्ती में सुरक्षित आकर रहने की सलाह देते हुए वन विभाग को सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की वहीं वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों जिनकी तीन अलग-अलग पालियों में तैनात किया गया है को हाथियों के सतत विचरण पर सघन रूप से निगरानी रखते हुए आम जान की सुरक्षा को प्रथम वरियता देने के निर्देश दिए उन्होंने कुछ ग्रामीणों की शिकायतों पर वन कर्मचारी से हाथी विचरण क्षेत्र में ही ड्यूटी करने के साथ निर्देशों के कड़ाई से पालन करने की बात कही।

  

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