ओरियंट पेपर मिल अमलाई एवं सोडा कास्टिक यूनिट वातावरण में घोल रही जहर, जल प्रदूषण एवं पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम के लिए पार्षद ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग publicpravakta.com


ओरियंट पेपर मिल अमलाई एवं सोडा कास्टिक यूनिट वातावरण में घोल रही जहर, जल प्रदूषण एवं पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम के लिए पार्षद ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग  


अनूपपुर :- मंगलवार को नगर परिषद बरगवां अमलाई के वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद सौरभ कोरी  द्वारा कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए उल्लेख किया कि अनूपपुर  कलेक्टर एवं शहडोल कलेक्टर  को ओरियंट पेपर मिल एवं सोडा फैक्ट्री के द्वारा फैल रहे प्रदूषण के संबंध में अवगत कराया गया था, जिसके तत्पश्चात ही कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा अनुविभागीय दंडाधिकारी अनूपपुर को पत्र के माध्यम से निर्देशित करते हुए जांच कर कार्यवाही करने के लिए कहा गया था, उसके पश्चात ही अनुविभागीय दंडाधिकारी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी बरगवां अमलाई को पत्र के माध्यम से आदेशित किया जिस पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा जांच कर उच्च अधिकारी को अवगत कराया गया कि, ओरियंट पेपर मिल एवं सोडा फैक्ट्री के द्वारा क्लोरीन गैस एवं केमिकल युक्त कचरा,चूना व राखड़  वातावरण में फैलने के कारण स्वास्थ्य संबंधित बीमारी एवं सांस लेने में तकलीफ होती है ।ओरियंट पेपर मिल के द्वारा कागज बनाने की क्रिया में संलग्न पल्प मिल एवं ऐसे अन्य प्लांट से निकला हुआ जहरीला केमिकल युक्त पानी एवं सोडा फैक्ट्री के द्वारा कास्टिक वाटर एवं अन्य दुर्गंध युक्त अपशिष्ट को सीधा सोन नदी में छोड़ा जा रहा है जिससे आसपास के क्षेत्र के मवेशी एवं मानव सहित जलीय जीव जंतु उक्त पानी का सेवन करने से गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है, जल का उपयोग स्थानी कृषकों के द्वारा कृषि कार्य के लिए उपयोग किया जाता है जिससे कृषि योग्य भूमि की उर्वरक क्षमता नष्ट हो जाती है और भूमि बंजर एवं कठोर हो जाता है।

ओरियंट पेपर मिल के द्वारा केमिकल युक्त राखड़ एवं चूना के वातावरण में फैलने के कारण कई प्रकार की सांस संबंधी बीमारियां भी उत्पन्न हो रही हैं सांस लेने में कठिनाई होती है तथा इस क्षेत्र के गरीब व्यक्तियो के इलाज की व्यवस्था भी कंपनी के द्वारा नहीं कराई जाती है, जिससे अनेकों व्यक्तियों को बीमारियों सहित बीमारी से जान भी चली जाती है और यही केमिकल युक्त राखड और चूना वातावरण में फैल कर वनस्पति पेड़ पौधे मेंपत्तियों में काले एवं सफेद परथ चढ़ जाते हैं जिससे पौधे का विकास रुक जाता है और पेड़ सूख जाता है साथ ही 5 से 7 किलोमीटर के दायरे में प्लांट से निकलने वाले प्रदूषण प्रभावित कर रहा है। ओरियंट पेपर मिल के द्वारा कागज बनाने के लिए उपयोगी बांस लिप्टिस एवं अन्य पेड़ों की लकड़ियों को सड़ाने की प्रक्रिया से जो दुर्गंध निकलती है एवं सोडा फैक्ट्री द्वारा छोड़े जाने वाले क्लोरीन गैस से आसपास के 7 से 8 किलोमीटर के क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित रहता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई एवं सांस संबंधित कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रही है। कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को अवगत कराया गया था उनके द्वारा सांठ- गांठ कर मेरे ऊपर दबाव बनाया जाता है और जांच ना करते हुए बेबुनियाद आरोप लगाने की बात कही जाती है,  मेरे द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसी  भी प्रकार से कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिस से लगातार बीमारियों का खतरा बना रहता है साथ ही विशेष रूप से   टीम गठित कर इसकी जांच कराया जाए ताकि हम वार्ड वासियों की इस प्रदूषण जैसी बीमारी से राहत मिल सके l

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