प्राकृतिक स्टार्च से बन रही हैं थैलियां, विज्ञान की बड़ी खोज : डॉ विवेक मुदगिल publicpravakta.com



सैकड़ों जनजातीय छात्र- छात्राओं ने कहा -- आई एम वैक्सीनेटेड

वैक्सीनेशन ही कोरोना से बचाव का एकमात्र बड़ा माध्यम -- मनोज द्विवेदी

प्राकृतिक स्टार्च से बन रही हैं थैलियां, विज्ञान की बड़ी खोज : डॉ विवेक मुदगिल

अनूपपुर :- कोविड संक्रमण के भयानक परिणामों से हम सब अवगत हैं। इसके कारण विगत दो वर्षों में हमने आसपास के बहुत से लोगों को खो दिया है। दुनिया में लाखों लोग मारे गये हैं। हम सबके लिये यह आवश्यक है कि सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए लोगों के बीच, सार्वजनिक स्थान पर हमेशा मास्क लगाए रखें, दूरी बनाए रखें, साबुन से हाथ धोते रहें और अनिवार्य रुप से वैक्सीन के दोनो डोज जरुर लगवाएं। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एनसीएसटीसी नईदिल्ली के उत्प्रेरण एवं सहयोग से विज्ञान वाणी के दल द्वारा एकलव्य उच्चतर माध्यमिक आवासीय विद्यालय में आयोजित दो दिवसीय ओमिक्रोन वायरस एवं विज्ञान जागरूकता गतिविधियों संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला / जागरूकता शिविर का उद्धाटन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि , जिले के वरिष्ठ पत्रकार मनोज द्विवेदी ने उपरोक्त विचार व्यक्त किये। उन्होने छात्र - छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन ही कोविड से बचाव का बड़ा माध्यम है। इसलिए सभी लोग वैक्सीन के दोनों डोज जरुर लगवाएं।   प्रदेश भर के जनजातीय बहुल जिलों में शिविर का संचालन विज्ञान मढ़ई (मेले) के रूप किया जा रहा है।* 

अनूपपुर जिला अन्तर्गत बरबसपुर ग्राम स्थित एकलव्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को कोविड जागरूकता विषय पर ओमिक्रोन वायरस किस प्रकार से अनेक लोगों को संक्रमित कर सकता है वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से समझाया गया। ओमिक्रोन वायरस से न डरने और वैक्सीन की आवश्यकता को बताने का काम  एम एस नरवरिया ने किया। नरवरिया ने एक प्रयोग के माध्यम से बताया कि यदि ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति हो तो वह मास्क पहने रहने के कारण संक्रमण नहीं फैला पाएगा, ठीक उसी तरह प्रत्येक व्यक्ति मास्क पहन कर सावधानी रखेगा तो उसे भी संक्रमण नहीं होगा।

विज्ञान मढ़ई के आयोजन के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षक हरिशंकर वर्मा ने करते हुए विद्यार्थियों को कहा कि विज्ञान वाणी द्वारा हमारे स्कूल के बच्चों के लिए की गई इस कार्यशाला ने जागरूकता के साथ साथ बौद्धिक उन्नयन भी होगा। इससे यक़ीनन शाला के विद्यार्थियों को जीवन पर्यंत लाभ मिलेगा। 

झाँसी से आये विद्वान वैज्ञानिक डॉ विवेक मुदगिल ने विद्यार्थियों के कई दल बनाकर विज्ञान सिद्धान्तों के मॉडल बनाना और उनका प्रदर्शन करना सिखाया। इस दौरान उन्होंने पानी में डीकम्पोस होने वाली पॉलीथीन का प्रदर्शन भी किया। 

मॉडल प्रदर्शनी के संचालन में विज्ञान वाणी के हरीश चौधरी, कैलाश पटेल, नीरज उइके, अमृतलाल आदि ने भी सहयोग दिया। 

विज्ञान मढ़ई के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि असिस्टेंट डायरेक्टर ट्राइबल एवं शाला प्राचार्य के एन ओझा ने कहा कि इस शाला के बच्चों ने इस दौरान बहुत कुछ सीखा है और उन्हें बहुत सारे अवसर भी मिले हैं जो उनके लिए जीवन पर्यंत लाभ देंगे।

समानांतर गतिविधियों में इंजी. बी बी आर गाँधी ने पीपीटी के माध्यम से अनेक जानकारी विद्यार्थियों को दी. साथ ही साइंस क्विज, साइंस राइटिंग को भी विद्यार्थियों के बीच संचालित किया। अन्य गतिविधियों में 3 डी फिल्म शो, पपेट शो, हेल्थ न्यूट्रिशन, आपदा प्रबंधन, पोस्टर बनाना, विज्ञान नाटक आदि का संचालन हुआ।

गतिविधियों में भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को एकलव्य आवासीय विद्यालय प्राचार्य के एन ओझा, डॉ मुदगिल और वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाओं ने विभिन्न गतिविधियों के प्रतिभागी रहे विद्यार्थियों को मेडल एवं सर्टिफिकेट प्रदान कर प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर एकलव्य प्राचार्य सहित समस्त स्टाफ के प्रति आभार विज्ञान वाणी संयोजक एम एस नरवरिया ने व्यक्त किया।

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