...तो क्या परिवहन कर्ता से मतभेद करना नान एकाउँटेंट एम.एस उपाध्याय को पडा भारी!
नॉन अकाउंटेंट एम. एस. उपाध्याय एवं खाद्यान्न परिवहनकर्ता मो. मशरूर हुसैन के बीच चल रहा मतभेद जगजाहिर !!
अनूपपुर :- इन दिनों अनूपपुर जिले में रिश्वत लेन देन का मामला जोरों पर है ऐसे मामले राजस्व, पीडब्ल्यूडी, पीआईयू, कोषालय, शिक्षा, कृषि, पुलिस, नगरी निकाय सहित अन्य विभाग के गाहे बगाहे सामने आते रहे है। आरोपों की बातें आये दिन अखबारों की सुर्खियां बनती रही है। ताजा मामला नागरिक आपूर्ति निगम से जुड़ा हुआ है जिसमें उक्त विभाग के एकांउटेंट एम.एस उपाध्याय को लोकायुक्त द्वारा परिवहन कर्ता मो. मषरुर हुसैन की षिकायत पर रिस्वत लेते पकड़े जाने का है। परिवहन कर्ता मों मषरुर हुसैन पर गबन हेरा फेरी जैसे कई जांचे विभागीय कार्यालयों की फाईलों में दफन है। ऐसे में जालसाजी की शंका उभरकर सामने आती है। यह तो उच्च स्त्रीय जांच के बाद ही सामने आयेगा। बहरहाल यह विभाग का अंदरुनी मामला है किन्तु कयासों के बाजार में कई बातें घुली दिखाई दे रही है।
यह है मामला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नागरिक आपूर्ति विभाग के अकाउंटेंट एम. एस. उपाध्याय विगत 5-6 माह से अनूपपुर जिला कार्यालय का कार्यभार संभाल रहे थे इनके देखरेख में खाद्यान्न का उठाव, धान खरीदी, परिवहन के साथ भुगतान का कार्य किया जा रहा था। बीते 7 फरवरी को मो. मषरुर हुसैन की षिकायत पर लोकायुक्त टीम ने रिस्वत लेते ट्रैप करने की बात कही है इन्ही दिनों परिवहन कर्ता के उपर लगातार खाद्यान गबन सहित परिवहन में हेरा फेरी धान का क्रॉस परिवहन जैसे आरोंपों की बाढ़ आई हुई थी। कई मामलों में प्रभारी नागरिक आपूर्ति निगम के जिला अधिकारी विजय डेहरिया ने नोटिस जारी किया हुआ है। जानकारों की माने तों ऐसे में यदि एकांउटेंट साफ सुथरा हिसाब उच्च अधिकारियों को सम्प्रेषित करता तब परिवहनकर्ता पर आरोप सिद्व होंने की स्थिति निर्मित हो जाती ऐसे में विभागीय लोग जालसाजी की बातें दबी जुबान मे कर रहें है।
कार्यवाही की वजह आपसी मतभेद तो नही
बीते 7 फरवरी को लोकायुक्त सेे ट्रैप हुये उपाध्याय व षिकायत कर्ता मो. मषरुर हुसैन का आपसी विवाद जग जाहिर रहा है। फौजी ट्रांस्पोर्ट सहित कई राईस मिलरों पर एफआईआर दर्ज कराने का मामला भी बीते वर्षो में प्रकाष मे आया था जानकारों की मानें तो दोंनो के बीच आपसी विवाद की बात कही जा रही है। सायद यही वजह है कि कार्यवाही पर आपसी मतभेद वाली बातें सामने आ रही है। बहरहाल यह तो ट्रांस्पोटर व तात्कालीन एकांउटेंट ही बता सकते है जो कि जानकारी अनुसार अब तक कोई प्रेस रिलीज जारी नही किये है।
क्या कुछ और भी आयेगा सामने
वर्तमान समय पर सर्वाधिक उथल पुथल खाद्य विभाग के तीनों ही शाखा में मची हुई है। सरकार सहित प्रषासन को बदनाम करने जैसे आरोप लगाये जा रहे है। विभागीय लोगों ने नाम न लिखने की सूरत पर बताया कि बीते कुछ दिनों से दबाव का वातावरण बनाया जा रहा है। यही वजह है कि जिला खाद्य अधिकारी अंबुज श्रीवास्तव के बाद एम. एस. उपाध्याय रिस्वत के आरोप में पकड़े गये दिखाई दे रहे है जिससे मध्य प्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री का गृह जिला एवं प्रशासन प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सवालों के घेरे में खड़ा दिखाई पड़ता है तभी तो कयास लगाये जा रहे है कि आगे क्या कुछ और भी आयेगा सामने.... ?