अमरकंटक विश्वविद्यालय में एव्हीबीपी का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन, शोध प्रवेश परीक्षा रद्द करने की मांग
एव्हीबीपी संगठन मंत्री पर युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित ने किया हमला
अमरकंटक :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एव्हीबीपी) के सैकड़ों कार्यकर्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय (IGNTU) अमरकंटक में शोध प्रवेश परीक्षा (Ph.D.) में कथित धांधली और अनियमितताओं के विरोध में अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे हैं। कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की है ।
एव्हीबीपी का आरोप है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं, जिसकी शिकायत छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और मंत्रालयों में की थी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। इस मामले में हाईकोर्ट, जबलपुर में भी याचिका दायर हुई है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। इस पर अगली सुनवाई अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगी।
इस आंदोलन में एव्हीबीपी के शहडोल संभाग के संगठन मंत्री सावन सिंह भी पहुचे थे । जिनका विरोध एव्हीबीपी के विरोधी छात्रों के एक गुट ने सावन सिंह को बाहरी बताकर किया लेकिन हद तो जब हो गई जब एव्हीबीपी के पूर्व पदाधिकारी व युवा मोर्चा के विवादित पूर्व मंडल अध्यक्ष जय गणेश दीक्षित ने एव्हीबीपी के संगठन मंत्री से कुछ कहासुनी होने पर संगठन मंत्री पर ही हमला कर दिया ।
भाजपा की पहचान एक अनुशाषित संगठन के रूप में होती है लेकिन और एव्हीबीपी भाजपा की ही छात्र इकाई है ऐसे में जय गणेश दीक्षित का अपने ही संगठन के पदाधिकारी पर सार्वजनिक रूप से हमला बोलनें को संगठन किस रूप में लेता है यह आगे देखना होगा ।
जय गणेश दीक्षित को भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम का बेहद नजदीकी माना जाता है ऐसे में अगर संगठन जय गणेश दीक्षित पर कार्यवाही नही करता तो आमजन और संगठन में यह संदेश जाएगा कि दीक्षित की दादा गिरी कही जिला अध्यक्ष की सह पर तो नही चल रही है ?
जय गणेश दीक्षित को एक आदिवासी बुजुर्ग को चप्पल से पीटने के मामले में मंडल अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था ।तब से वह संगठन में किसी पद पर नही है लेकिन संगठन का सदस्य है ।
पूरे मामले में एव्हीबीपी का कहना है कि यह हमला सोची-समझी साजिश है, ताकि छात्रों की आवाज दबाई जा सके और जांच को प्रभावित किया जा सके।
एव्हीबीपी ने मांग की है कि शोध प्रवेश परीक्षा तत्काल रद्द हो और पूरे मामले की CBI जांच कराई जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक न्याय नहीं मिलता, आंदोलन और तेज होगा और भ्रष्टाचारियों की कोई भी चाल सफल नहीं होने दी जाएगी।