कोतमा पुलिस ने सायबर ठगी करने वाले गिरोह के सातिर बदमाश को किया गिरफ्तार
कोतमा :- पुलिस टीम ने पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के निर्देशन में साइबर ठगी करने वाले गिरोह के शातिर बदमाश सौरभ शर्मा 32 वर्ष को विदिशा जिले से गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी पाई है। गिरोह ने नगर के अवधेश ताम्रकार के पुत्र आशीष ताम्रकार 53 वर्ष को पिछले 8 साल से डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख रुपए ठगते रहे। आरोपी सौरभ शर्मा पर धारा 419, 420, 34 आईपीसी का मामला दर्ज होने पर शुक्रवार को न्यायाल पेश कर 4 दिन की रिमांड में लेकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है।
एएसपी इसरार मंसूरी, एसडीओपी आरती शाक्य के मार्गदर्शन में की गई कार्यवाही को लेकर थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला ने बताया कि 8 साल तक डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह ने व्यापारी आशीष ताम्रकार से सीबीआई अधिकारी, जज ,हाईकोर्ट वकील एवं पुलिस अफसर बनकर 45 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ठगा गया है ।आरोपी सौरभ शर्मा को विदिशा से दबोचते हुए पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। जिसके कब्जे से लैपटॉप,मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेज को जप्त किया गया है।
अन्य फरार आरोपियों की तलाश में टीम सर्च कर रही है।
8 वर्षों तक चले हैरत भरे ठगी कांड में शामिल मुख्य सरगना महेंद्र शर्मा एवं साथी रवि डोहरिया की मौत हो गई।आशीष ताम्रकार 53 वर्ष पिता अवधेश ताम्रकार की बाजार में इलेक्ट्रॉनिक शॉप है। वायदा बाजार में पैसा इन्वेस्ट करते थे निवेश की गई राशि का 23 लाख रुपए वर्ष 2017 में मिलना था। जिसकी भनक शातिर जालसाजों को लग गई।
योजना बनाकर नीमच थाने के अधिकारी बनकर मिलने वाले 23 लाख रुपए को हवाला की रकम बताकर ठगने का सिलसिला शुरू कर दिया।
जिसके बाद साइबर ठगो के द्वारा अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर सीबीआई अधिकारी, जज, पुलिस, हाइकोर्ट एडवोकेट बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और कुल 45 लाख रुपए खातों में डलवाते रहे। इस दौरान बदमाशों के द्वारा स्क्रीन पर फर्जी पुलिस, जज , सीबीआई अधिकारी बनने का नाटक कर पुलिस सायरन भी बजाते रहे। डरे सहमे व्यापारी द्वारा गिरफ्तारी के डर से लगातार रुपयों की मांग पूरी की जाती रही।
पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के निर्देशन में 2 टीम बनाते हुए मामले के खुलासा करने में पुलिस जुट गई । उपयोग किए गए मोबाइल नंबरों के आधार पर आरोपी सौरभ शर्मा 32 वर्ष पिता गोविंद शर्मा निवासी गिरधर कॉलोनी देहात थाना को अभिरक्षा में लेकर कोतमा थाने लाया गया।
फरार आरोपियों की तलाश तेज: गिरोह में शामिल आरोपी लकी कुमावत निवासी सतवास पुनासा जिला खंडवा, चित्रांश ठाकुर सहित अन्य आरोपियों की तलाश तेजी से की जा रही है।
डिजिटल अरेस्ट गिरोह के मुख्य सरगना आरोपी महेंद्र शर्मा 26 वर्ष था जिसकी 2022 में हत्या कर दी गई। जिसके खिलाफ विदिशा एवं अन्य जिलों के थाने में 30 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। जिनमें हत्या, लूट, ठगी, जानलेवा हत्या करने की कोशिश सहित अन्य गंभीर मामले दर्ज हैं। ठगी की ज्यादातर रकम इसी के खाते में लगातार लिया जाता रहा। एक और आरोपी रवि डेहरिया की भी दो माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई।
भोपाल एवं विदिशा में खोली फर्जी कंपनी :आरोपियों द्वारा साइबर ठगी करने को लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर बी ट्रेडर्स,तिरुपति फिनटेक सहित अन्य नाम की फर्जी कंपनियों को दिखावे के लिए खोलते थे जिनका उद्देश्य पूरा सेटअप बनाकर चोरी छिपे साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट का काम किया जाता था। पूरे काम को अंजाम देने के लिए आरोपियों द्वारा अलग-अलग नंबरों एवं खातों का उपयोग करता था। भोपाल में फर्जी कंपनी की भनक लोगों को लगने पर वहां से भागकर विदिश में नए नाम से कंपनी खोली गई। गिरफ्तार आरोपी सौरभ शर्मा ठगी के साथ, प्राइवेट काम करने के साथ जमीन दलाली की भी सौदेबाजी करता है।
पूरी कार्यवाही की मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान द्वारा स्वयं करते हुए दिशा निर्देश दिया जाता रहा। कार्यवाही में थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला, लालजी श्रीवास्तव, रामखेलावन यादव, मनोज उपाध्याय, राजेंद्र अहिरवार, पंकज मिश्रा शामिल रहे।