श्रावण मास के दूसरे सोमवार को अमरकंटक नर्मदा उद्गम क्षेत्र और जालेश्वर धाम में कांवड़ियों , श्रद्धालुओं की रही भारी भीड़ publicpravakta.com


श्रावण मास के दूसरे सोमवार को अमरकंटक नर्मदा उद्गम क्षेत्र और जालेश्वर धाम में कांवड़ियों , श्रद्धालुओं की रही भारी भीड़ 


श्रवण उपाध्याय 


अमरकंटक : - मां नर्मदा की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में आज श्रावण सोमवार कृष्ण पक्ष कामिका एकादशी व्रत 21 जुलाई 2025  सावन महीने के दूसरे सोमवार को अमरकंटक के पवित्र नर्मदा उद्गम स्थल और जालेश्वर धाम पर श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ी । हजारों की संख्या में श्रद्धालु , भक्तजन सुबह से ही नर्मदा स्नान कर , पूजा पाठ बाद नर्मदा जल लेकर कांवड़ियों का दल , भक्तजन , श्रद्धालुजन पैदल चलकर जालेश्वर धाम की ओर कूच कर जाते है । कांवड़ियों का दल एक के पीछे एक लाइन बना कर चलते रहते है । कुछ कांवड़ियों के दल ने डीजे की धुन में बोल बम , बम भोले के नारों के साथ कांवर लेकर उत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ते रहते है । "हर हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोषों से पूरा अमरकंटक क्षेत्र गुंजायमान होता रहता है ।

कांवड़ यात्रा के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे है , जिनमें मध्यप्रदेश और  छत्तीसगढ़ से ज्यादा कांवड़ियों भक्तों की संख्या आती है । वैसे अनेक प्रदेश के भक्तगण , श्रद्धालु पहुंच अपनी श्रद्धा और भक्ति करते है । कांवड़ियों , भक्तों और श्रद्धालुओं ने नर्मदा से जल भरकर पैदल यात्रा भोर से ही शुरू कर दी जाती है ।  जालेश्वर धाम पहुंच कर पवित्र नर्मदा जल से भक्तगण शिवलिंग पर जलाभिषेक या जल अर्पण करते है । सावन माह का यह दूसरा पवित्र सोमवार था जिसका भी खूब महात्म देखा गया और श्रद्धालु , पर्यटक यहां पहुंचे । 



नर्मदा मंदिर पुजारी पंडित जुगुल किशोर द्विवेदी बताते है कि श्रावण मास में जो भी भक्त पवित्र तन मन से नर्मदा स्नान बाद गीले वस्त्र धारण कर एक ही हाथ में जल लेकर पैदल चलकर ज्वालेश्वर धाम पहुंच जलाभिषेक या जल अर्पण करता है तो उससे भोलेनाथ अति प्रसन्न होते है और सारे पापों से मुक्ति प्रदान करते है । 


सावन माह के दौरान शासन प्रशासन की ओर से भीड़ के समय व्यवस्थाएं चाक चौबंद बनी रहती है । पुलिस व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए विशेष इंतज़ाम भी किए जाते हैं । 


आज श्रावण सोमवार को प्रातः मां नर्मदा उद्गम स्थल से पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने पूजा आराधना कर  छत्तीसगढ़ के संवृद्धि और बोलबम समिति के उत्साह वर्धन हेतु अमरकंटक से कांवड़ लेकर पैदल संकीर्ण रास्तों से होते हुए डूंगरिया और भोरमदेव पहुंच जलाभिषेक करेंगी ।

पार्षद दिनेश द्विवेदी बताते है कि श्रावण मास में जरूरत मंद कांवड़ियों और भक्तों के सहयोग हेतु हम हमेशा तत्पर रहते हुए सेवा , सहयोग प्रदान करते रहते है ।  नगर पंचायत के सहयोग से पूरे नगर में साफ सफाई , पानी आदि की व्यवस्था पर पूरी नजर बनाए रखा जाता है ।


कल्याण सेवा आश्रम के पंडित संदीप ज्योत्षी बताते है कि यहां  विराजमान आनंदेश्वर महादेव जी को उज्जैन के तर्ज पर श्रावण मास में विशेष श्रृंगार कर पूजन , अभिषेक आदि रोजाना किया जाता है ।


अमरकंठेश्वर महादेव , ग्यारहरुद्र , ज्वालेश्वर धाम महादेव आदि शिवालयों पर भक्तों द्वारा अभिषेक , पूजन इस पावन पुनीत श्रावण मास में रोजाना चलता रहता है ।


सावन माह में स्थानीय व्यापारियों को लाभ


स्थानीय व्यापारी बंधु बताते है कि श्रावण मास के पावन अवसर पर स्थानीय दुकानों , होटलो आश्रमों , धर्मशालाओं आदि में खूब चहल-पहल बनी रहती है । जो दुकानें फल , फूल , प्रसाद , कांवड़ पूजा सामग्री , सजावट की सामग्री , जल हेतु पीपे , नारियल , कपड़े आदि जगहों पर भारी भीड़ इन दिनों दिनभर बनी रहती है । श्रद्धालु और पर्यटकों के आने से सावन माह में व्यवसाय सभी का हो जाता है ।

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