पी.आर.टी. महाविद्यालय अनूपपुर में आयोजित हुआ सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम कॉलेज के 120 से अधिक छात्र छात्राओं ने समझे यातायात के नियम publicpravakta.com


पी.आर.टी. महाविद्यालय अनूपपुर में आयोजित हुआ सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम


कॉलेज के 120 से अधिक छात्र छात्राओं ने समझे यातायात के नियम

 अनूपपुर :- सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक महोदय अनूपपुर की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है , जिसमें विद्यालय/महाविद्यालयो तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, इसी क्रम में आज यातायात प्रभारी अनूपपुर द्वारा पी.आर.टी.महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें उपस्थित बच्चों को क्रमशः निम्न बिंदुओं जानकारी दी गई।

        **सड़क दुर्घटनाओ के मुख्य कारण**

थाना प्रभारी यातायात द्वारा बताया गया कि  सड़क दुर्घटना घटित होने के मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, शराब के नशे में वाहन चलाना, ब्रेकिंग डिस्टेंस( सुरक्षित दूरी) ना रखते हुए वाहन चलाना, गलत तरीके से आगे वाले वाहन को ओवरटेक करना, मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाना, निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी या माल का वहन कर वाहन चलाना, रोड पर लगे रोड साइन की अनदेखी करना, गलत तरीके से रोड क्रॉस करना, नाबालिक बच्चों द्वारा वाहन चलाना, पर्याप्त नींद लिए बिना अनिद्रा की स्थिति में वाहन चलाना , मालवाहकों  में सवारी    करना है।

**वाहन चलाते समय आवश्यक सावधानीया**

वाहन  हमेशा निर्धारित एवं सुरक्षित गति में चलाएं, नशे की हालत  में वाहन ना चलाएं, दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट एवं चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग जरूर करें, रोड पर चलते समय आगे चल रहे वाहन से लगभग 10 से 15 मीटर की दूरी आवश्यक रूप से रखें, ओवरटेक करने से बचे अतिआवश्यक होने पर ही सावधानी रखते हुए दाहिने तरफ से ओवरटेक करे।

मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन ना चलाएं, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन चलाने के लिए ना दें, वाहन का समय-समय पर मेंटीनेंस करवाए, जिससे वाहन के ब्रेक फेल होने या टायर फटने से होने वाले एक्सीडेंट से बचा जा सके, अनिद्रा या थकान की स्थिति में वाहन चलाने से बचे, ग्रामीण सड़क मार्ग से मुख्य सड़क पर आते समय वाहन धीमा करें, आने जाने वाले वाहनों को देखकर ही मुख्य सड़क पर आए। वापस मुख्य सड़क से ग्रामीण मार्ग पर आते समय इंडिकेटर का उपयोग जरूर करें।


**रोड पर पैदल चलते समय आवश्यक सावधानी**

उपस्थित जन को बताया गया कि रोड पर पैदल हमेशा रोड के बाएं ओर व्हाइट मार्किंग लाइन के नीचे चलें, रात्रि के समय  उजले रंग के कपड़े पहन कर ही अंधेरे में पैदल निकले तथा मोबाइल फोन की लाइट ऑन कर मोबाइल हाथ में लेकर चले ,जिससे आप पीछे से आने वाले वाहन चालकों को स्पष्ट रूप से दिखाई दे । रोड क्रॉस करते समय दोनों ओर के वाहन देखकर क्रॉस करें, दौड़कर रोड को क्रॉस ना करें, छोटे बच्चों को भी रोड किनारे या रोड पर खेलने की अनुमति न दे। बस में बैठते  समय खिड़की से सिर या हाथ बाहर ना निकाले, बस पर चढ़ते उतरते समय दरवाजे पर लगा हैंडील प्रॉपर तरीके से पकड़े।


**मालवाहक यान में सवारी करना कितना खतरनाक**

अक्सर हम मालवाहक यान जैसे ट्रैक्टर ट्रॉली, पिकअप, मेटाडोर आदि वाहनों में बैठ कर आवागमन करते है, इनका निर्माण सवारियों की सुरक्षा की दृष्टि से नहीं होता, इनके पलटने की संभावना रहती है , अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हुआ एक्सीडेंट जिसमें 13 लोगों की मृत्यु हुई इसके पूर्व शहडोल में एक्सीडेंट हुआ था जिसमें 04 लोगों की मृत्यु हुई थी। ये एक्सीडेंट मालयान में सवारी करने के कारण हुए थे, इसलिए ध्यान रखें इन वाहनों को आवागमन के साधन के रूप में उपयोग न करें। 

*राहवीर योजना**

उपस्थित जन को बताया गया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से दुर्घटना के बाद का प्रथम घंटा गोल्डन आवर  होता है ,यदि  इस दौरान घायल को तत्काल अस्पताल तक पहुंचा दिया जाए तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है, इसको सुनिश्चित करने आमजन की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य भारत सरकार द्वारा राहवीर योजना प्रारंभ की गई है,जिसे मध्य प्रदेश में भी प्राथमिकता से लागू किया गया है। इस योजना के तहत गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचने वाले व्यक्ति को₹25,000 का नगद इनाम एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। एक व्यक्ति सालभर  में 6 बार इस योजना के तहत पुरस्कृत हो सकता है। इसलिए सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद के लिए आगे आए जिससे सड़क दुर्घटना मे होने वाली मृत्यु एवं स्थाई अपंगता को रोका जा सके।

**पीड़ित प्रतिकर योजना**

हिट एंड रन के प्रकरण जिसमें आरोपी एवं वाहन अज्ञात होता है, ऐसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 50,000 रुपए  तथा दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों को ₹2,00,000 की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। आपके संज्ञान में ऐसा कोई केश आता है तो संबंधित व्यक्ति को इस योजना के तहत एसडीएम कार्यालय में आवेदन करने हेतु  जरूर बताएं। 

**18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के उपरांत ही वाहन चलाए**  नाबालिक बच्चों का वाहन चलाना खतरनाक  एवं नियम विरुद्ध है। क्योंकि वे शारीरिक रूप से वाहन संभालने की स्थिति में नहीं रहते तथा उन्हें रोड पर चलने की समझ भी नहीं होती, बच्चों को वाहन देने से दुर्घटना घटित होने पर उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है तथा अन्य व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए बच्चों को 18 वर्ष  की आयु पूर्ण होने एवं ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने उपरांत ही वाहन चलाने के लिए दिया जाए। 

**प्रश्नोत्तर का भी चला सेशन**सड़क सुरक्षा जागरूकता व्याख्यान के बाद कॉलेज के प्रबंधक श्री देवेंद्र तिवारी जी द्वारा सड़क सुरक्षा विषय पर बच्चों से प्रश्न पूछे गए जिनका सही उत्तर देने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

                 कार्यक्रम में PRT कॉलेज के संचालक डॉ.देवेंद्र तिवारी,  प्रबंधक श्री विजय तिवारी, आदर्श मिश्रा,थाना यातायात से आलोक कुशवाहा, कॉलेज के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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