प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदारों ने डिलेवरी के लिए आई महिला को किया रेफर, 108 एम्बुलेंस में हुई नार्मल डिलेवरी
प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने कराई सुरक्षित डिलेवरी
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना तो कर दी गई है लेकिन सुविधाओ के नाम पर वहा एक बड़े भवन के अलावा कुछ भी नही है ? और जहां कुछ सुविधाएं उपलब्ध है तो स्टाफ मौजूद नही है या मौजूद स्टाफ मरीजो को रेफर कर पल झाड़ रहे है ।
सीधी जिले में गर्ववती महिला को अपने प्रसव का समय नजदीक आने पर सोसल मीडिया के माध्यम से सड़क बनाने की अपील करनी पड़ती है तो वहाँ के सांसद का बेशर्मी भरा जवाब मीडिया के माध्यम से दे दिया जाता है तो वही रीवा जिले में पुल पर पानी होने के कारण प्रसूता अस्पताल तक नही पहुँच पाती और एम्बुलेंस में ही उसकी मौत हो जाने की दिल को झकझोर देने वाली खबरे भी आई है ।
ऐसे में अनूपपुर जिले में 108 एम्बुलेंस सेवा पिछड़े व दूरस्थ ग्रामो में निवास करने वाले गरीबो के लिए ईश्वरीय वरदान से कम नही है और उसमें मौजूद प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दीनदयाल जयसवाल जैसे कम वेतन में सेवा देने वाले कर्मचारी भी ईश्वर के दूत के रूप में मौजूद रहते है सोमवार को प्रसव पीड़ित महिला जिसे उच्च जोखिम पीड़ित मानकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निगवानी से रेफर कर दिया व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फुनगा में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने हाथ लगाने से इनकार कर दिया उस उच्च जोखिम पीड़ित प्रसूता का प्रशव 108 एम्बुलेंस में प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दीनदयाल जयसवाल ने नार्मल डिलेवरी करवा दी और अब जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ है ।
अनूपपुर :- जिले के कोतमा विकासखंड अंतर्गत ग्राम छुल्हा निवासी प्रसूता भगवतिया कोल उम्र 26 वर्ष पति कुंवर कोल कि सोमवार की शाम अचानक प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी जिसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र निगवानी पहुचे जहाँ उपस्थित नर्सिंग ऑफिसर किरण विश्वकर्मा द्वारा यह कहकर जिला अस्पताल अनूपपुर रेफर कर दिया गया कि ब्रीच प्रेजेंटेशन है, महिला की हिमोग्लोबिन 6 ग्राम है व साथ ही महिला की हाइट कम है जिस कारण से यहां पर प्रसव संभव नहीं है क्योंकि बच्चा उल्टा है। इसके बाद कोतमा 108 एम्बुलेंस सेवा की सहायता ली गई और आनंन-फानन में प्रसव पीड़ा से पीड़ित प्रसूता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निगवानी से 108 एंबुलेंस के द्वारा प्रसुता व परिजन के साथ जिला अस्पताल की ओर रवाना हुए कुछ दूर जाने के बाद बच्चे का एक पैर दिखाई देने लगा जिसे देख परिजन घबराने लगे और नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फुनगा ले जाने को कहें और 108 एम्बुलेंस में मौजूद स्टाफ प्रसूता को रात 10.15 के करीब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फुनगा ले गए लेकिन वहां पर उपस्थित नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा प्रसूता का प्रसव कराने सीधे मना कर दिया गया उनके द्वारा बोला गया कि यह यहां के लायक केस नहीं है इसको सीधे जिला अस्पताल ले जाओ हम यह रिस्क नहीं ले सकते ? इसके बाद पुनः वहां से 108 एम्बुलेंस जिला अस्पताल के लिए रवाना होती है तभी पसला साधा मोड के समीप परिजन जोर-जोर से चिल्लाने रोने लगते है कि बच्चा फंस गया है व नीला पड़ने लग गया है , तब एंबुलेंस में मौजूद परिजनों की अनुमति से आशा कार्यकर्ता की उपस्थिति में 108 एम्बुलेंस के प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दीनदयाल जायसवाल के द्वारा जच्चा-बच्चा के सुरक्षा को देखते हुए अपनी सूझबूझ व अनुभव से सुरक्षित नॉर्मल प्रसव कराया गया व जब बच्चा नीला पड़ने लगा व महसूस हुआ कि उसकी साँस की रफ्तार भी थमने लगी तब नवजात को कृतिम साँस प्रक्रिया ( सीपीआर ) देकर नवजात को नया जीवन व परिजनों के चेहरे पर मुस्कान दी । और जच्चा- बच्चा दोनों को अनूपपुर जिला अस्पताल तक सुरक्षित लाकर भर्ती करवाया
अब जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और बच्चे की किलकारी सुनकर परिजनो के चेहरे पर मुस्कान है....