एसईसीएल ने नही निभाया वादा,आंदोलन के लिए बाध्य किसान
अनूपपुर :- रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना के प्रभावित किसानों ने पुनर्वास, पुनर्स्थापना, आर एंड आर की राशि सहित परिसंपति की मुआवजा का भुगतान नहीं होने से किसान नाराज हो रहे हैं कई बार जानकारी मांगी गई लेकिन हल्के में लेकर टाल दिया गया, हा.. हो जाएगा देते हैं. करते हैं.. प्रबंधन की ओर से बस यही जवाब दिया जाता है लेकिन कुछ भी प्रोगेस नहीं हैं रोजगार फाइलो को लेकर किसानों में घोर नाराजगी जताई जा रही है कट एरिया जिसको एस ई सी एल प्राथमिकता देती है तीन तीन साल से क्वारी में फंसी हुई है रिकॉर्ड जांच हो रही है और किसानों के खेत से कोयला निकलवाने के बाद पाट दिया गया और किसान मजबूर हो कर खदान बंद करता है तो मुकदमा दर्ज किया जाता है इंटरव्यू, मेडिकल, एच आरे, ना कमरा, छोटे छोटे कागजों को लेकर कार्मिक और हॉस्पिटल में घोर अपमान सहना पड़ता है कभी प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी या प्रशासन पत्रकार हम सभी से निवेदन करते हैं कभी भी आकर किसानों की हालत देख ले अब बचते हैं जिला प्रशासनतो उनको निवेदन किया जाता है हा सब ठीक हो जाएगा किसान जाए तो जाए कहा केवल इतना ही नहीं इसी तरह से कालरी कार्यालय से तहसीलदार एसडीएम कार्यालय के लिए रोजगार की फाइल भेजी जाती है उसे भी एक-एक दो माह रोक कर रखा जाता है जांच कर दोषियों के खिलाफ कारवाही की जा सके अगर यह सब नहीं होता है तो किसान अब निर्णय स्वयं करेगा उसके पास अपना जमीन है जिस पर खदान खुला है उसे बंद कर देगा और जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक खदान बंद रहेगा यह बात सक्तत रुप से भूपेश शर्मा सामाजिक कार्यकर्ता,जनपद सदस्य चंद्रकुमार तिवारी, राजकमल मिश्रा सासद प्रतिनिधि,जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शांति मनमोहन चौधरी, सरपंच श्रीमती प्रेमिया बैगा, पूर्व सरपंच झोले बैगा, उप सरपंच राजाराम मिश्रा, आनंद त्रिपाठी,किसान नेता आदित्य त्रिपाठी ओमप्रकाश द्विवेदी, राजू सोनी, नेमसाय जी, प्रमोद बैगा, बद्री साहू, राकेश गुप्ता, बाल्मिक साहू, मूलचंद्र गुप्ता, भगवानदास बैगा, कल्लू राठौर, दिलीप पांडे, श्री गुप्ता, रमाकांत मिश्रा, बोग्गा महराज हीरामणि, अखिलेश त्रिपाठी, उमेश चौधरी, शिवप्रसाद, श्री राम विश्वकर्मा, सहित सभी ग्रामीणों ने एक साथ एक राय से बंद करेंगे खदान जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन एवं प्रशासन की होगी ।