अंततः भाजपा के हुए विश्वनाथ , 2020 के उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा से थे कांग्रेस प्रत्याशी,पाला बदलते ही कहा, कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलती है
वर्ष 2020 में बसहु लाल के पाला बदल कर कांग्रेस में चले जाने के बाद हुए उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे विश्वनाथ सिंह ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची आने के बाद से ही विश्वनाथ सिंह टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे थे, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि विश्वनाथ सिंह भी पाला बदलेंगे । विधानसभा उपचुनाव में विश्वनाथ सिंह को बिसाहू लाल सिंह ने बड़े अंतर से पराजित कर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी इसके बावजूद विश्वनाथ सिंह ने लगभग 41 हजार मत प्राप्त किये थे, श्री सिंह 2023 के आम चुनाव की तैयारी जोर सोर से कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन पर विश्वास नही जताया क्यों कि ऐसा मन जा रहा था कि लगभग 35000 वोटो के अंतर की गहरी खाई पाटना विश्वनाथ सिंह के बूते का नही है हालांकि विश्वनाथ सिंह कई बार से लगातार जनपद सदस्य और खमरिया पंचायत के सरपंच रह चुके है ऐसे में एक निश्चित क्षेत्र में उनका अपना वोट बैंक है लेकिन वह विधानसभा चुनाव को कितना प्रभावित कर पाएंगे यह तो आने वाला समय बताएगा ? लेकिन राजनीतिक जानकर बताते है कि उनके भाजपा में जाने से बिसाहू लाल को कोई बहुत बड़ा फायदा या रमेश सिंह को कोई बड़ा नुकसान नही होने वाला है । लेकिन चुनावो मे कब कौन कितना बड़ा नुकसान या लाभ करवा दे कहा नही जा सकता है ।
अनूपपुर :- पूरे मध्यप्रदेश में टिकट वितरण के बाद से ही दोनो दलों में सिर फुटव्वल व दलबदल का सिलसिला लगातार जारी है, कई विधानसभा में उलटफेर चुनाव से पहले देखे जा रहे है। वही अनूपपुर विधानसभा में 30 वर्षो से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहकर पार्टी का झंडा बुलंदी से उठाने वाले विश्वनाथ सिंह कुंजाम ने सोमवार 31 अक्टूबर को कांग्रेस के सभी पदो से इस्तीफा देते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा प्रत्याशी व पूर्व खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विश्वनाथ सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई। विश्वनाथ के साथ-साथ कांग्रेस में पदाधिकारी रहे अधिवक्ता अखिलेश सिंह व सेवादल के अध्यक्ष जीतेन्द्र सोनी, मंडलम प्रभारी सकरा मान सिंह, मोहन साहू सहित अन्य कई कार्यकर्ताओ ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली ।
कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलती है : विश्वनाथ सिंह
कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज से दो वर्ष पूर्व ही प्रदेश कार्यालय में यह कहा था कि किसी भी जिलाध्यक्ष को कांग्रेस उम्मीदवार नहीं बनाएगी और जो लोग चुनाव लडऩा चाहते है और जिलाध्यक्ष के पद पर हैं, वे अपने पद से इस्तीफा दे दे, और दावेदारी करें। इसी क्रम में अनूपपुर जिले से जिलाध्यक्ष फुन्देलाल सिंह ने इस्तीफा दिया था, तब कमलनाथ ने जिलाध्यक्ष रमेश सिंह को यह कहकर बनाया था कि आपको चुनाव लड़वाना है, चुनाव लडऩा नहीं है और मुझे यह आश्वासन दिया था कि तुमको 2023 का चुनाव लडऩा है, क्षेत्र में कड़ी मेहनत करो, इस विश्वास पर मैनें पूरे तीन वर्ष अनूपपुर विधान सभा में बूथ स्तर तक कड़ी मेहनत की। रणदीप सुरजेवाला जी ने भी भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस करके यह कहा था कि किसी भी जिलाध्यक्ष को पार्टी चुनाव नही लड़ाएगी। इसके बावजूद जब फसल काटने का समय आया तो पार्टी ने जिलाध्यक्ष रमेश सिंह को उम्मीदवार बनाया. इस प्रकार कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से एवं जनता से सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलती है।
अपना वचन नही करते पूरा
केन्द्रीय नेता और मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने सभी कार्यकर्ताओ एवं दावेदारों को यह वचन दिया था कि किसी भी जिलाध्यक्ष को उम्मीदवार नही बनाएंगे और अपने कार्यकर्ताओं को बेवकूफ बनाकर कांग्रेस में कई जिलाध्यक्षों को पार्टी ने टिकट दिया। इस प्रकार जो कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओ से अपना वचन पूरा नही कर सकती एवं जनता को झूठ बोलकर सिर्फ और सिर्फ छलने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस का हाथ अमीरो के साथ है
कांग्रेस ने अपना नारा दिया है कि उसका हाथ गरीबों के साथ है और मुझे जब टिकट नहीं दिया गया, तो मैं कारण पूछने जब भोपाल गया तो मुझे प्रदेश के तमाम नेताओं ने कहा गया कि तुम्हारे पास चुनाव लडऩे के लिए रूपये नहीं है और रमेश के पास चुनाव लडऩे के लिए बहुत रूपये है, जिससे स्पष्ट हैं कि कांग्रेस का हाथ गरीब आदिवासी के साथ नहीं है, सिर्फ आदिवासियों को छलने की नियत से उनसे कड़ी मेहनत जमीनी स्तर पर कराया जाता है, और कभी किसी गरीब आदिवासी को आगे बढऩे का अवसर नहीं दिया जाता है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के इतिहास में पहली बार रूपये लेकर टिकट बेचने का आरोप लगा हैं जिससे यह प्रमाणित है कि कांग्रेस का हाथ सिर्फ और सिर्फ अमीरों के साथ है ।