श्रद्धा व हर्षउल्लास से हुई खोड़री न 01 मे भगवान विश्वकर्मा की पूजा
कोतमा :- सृष्टि के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा खोड़री न 01 मे दीप नारायण जायसवाल एवं रामलोचन जायसवाल के यहां हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई। पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। भव्य पंडाल का निर्माण कर उनकी प्रतिमा स्थापित की गई। उसके बाद पट खुला और विधि-विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना की गई। एवं भव्य भंडारे एवं प्रसाद का वितरण किया गया इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रामायण पाठ का भी आयोजन किया गया। पूजन को लेकर वाहन मालिकों में उत्साह देखा गया। सभी अपने-अपने वाहनों को आकर्षक तरीके से सजाया था। खोड़री नंबर 1 के आचार्य पंडित श्री विजय पाण्डेय ने बताया की भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही करियर और कारोबार में व्याप्त सभी प्रकार की अड़चनें दूर हो जाती हैं इस प्रकार दूसरे दिन मूर्ति का विसर्जन किया गया। विसर्जन जुलूस गाजेबाजे के साथ निकाली गई। श्रद्धालु एक दूसरे को अबीर लगाते और नाचते गाते हुए जलाशय की ओर रवाना हो गए। विसर्जन जुलूस को लेकर सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। सभी संवेदनशील स्थानों पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की तैनाती गई थी। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ही सृष्टि के रचनाकार हैं। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है।