नशेड़ी कांग्रेसी विधायकों द्वारा ट्रेन में महिला से बदतमीजी गंभीर विषय -- मनोज द्विवेदी मामले की  सूक्ष्म, निष्पक्ष जांच और कार्यवाही आवश्यक publicpravakta.com


नशेड़ी कांग्रेसी विधायकों द्वारा ट्रेन में महिला से बदतमीजी गंभीर विषय -- मनोज द्विवेदी


मामले की  सूक्ष्म, निष्पक्ष जांच और कार्यवाही आवश्यक 


अनूपपुर :- रेवांचल एक्सप्रेस के एसी कोच में नवजात बच्चे के साथ यात्रा कर रही महिला के साथ कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा कदाचरण की गंभीर घटना सामने आई है। कोतमा विधायक सुनील सराफ और सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर यह आरोप महिला ने लगाया है कि नशे में धुत्त सराफ और कुशवाहा ने उनसे बदतमीजी की। इसकी शिकायत रेलवे के आला अधिकारियों, आर पी एफ और जी आर पी सागर / भोपाल को की गयी । सागर से जीआरपी ने अपनी सुरक्षा में महिला को भोपाल पहुँचाया। भोपाल जीआरपी ने मामला पंजीबद्ध कर लिया है। विशेष उल्लेखनीय बात ये है कि नशे और महिला की शिकायत को दोनों विधायकों ने सिरे से नकार दिया। इस पर बडे और कडे सवाल खडे हो गये हैं। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस विधायकों के आचरण को नारी शक्ति का अपमान बतलाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से इन्हे पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है। भाजपा नेता पूर्व जिला मीडिया प्रभारी एवं भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने कांग्रेसी विधायकों के आचरण को नारी समाज के लिये अपमानजनक बतलाते हुए कहा है कि  रेवांचल एक्सप्रेस में महिला यात्री के विधायकों द्वारा बदतमीजी करने के आरोपों की निष्पक्ष और सूक्ष्म जांच होनी चाहिए । सवाल बड़ा है ....वो ये कि ये दोनों कांग्रेस के जिम्मेदार विधायक हैं। इनके शीर्ष नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भारत जोडो यात्रा कर रहे हैं। तो दूसरी ओर उनके विधायक नशे में धुत्त हो कर नारी शक्ति को अपमानित कर रहे हैं। यदि विधायकों के अनुसार महिला की शिकायत निराधार है तो इन्होंने पता होने के बाद भी कि महिला ने इनके आचरण पर सवाल उठाए हैं, बाकायदा अपने पति को फोन किया...उनके पति ने तत्काल ट्विटर के माध्यम से रेलवे से मदद मांगी। महिला ने सागर और फिर भोपाल जी आर पी को शिकायत दर्ज करवाई है तो इन्हे स्वत: नशे में ना होने की जांच क्यों नहीं करवाना चाहिए था।

   *जब दोनों विधायकों को पता था कि उनके चरित्र पर महिला ने घुमा कर पत्थर मारा है , तो इन दोनों को भागने की जगह स्वत: आगे से बढ कर सागर/ भोपाल जीआरपी/ आरपीएफ से संपर्क क्यों नहीं करना चाहिए था ? इन्होंने अपने नशे में ना होने की जांच भी नहीं करवाई ,जबकि महिला ने इनके नशे मे होने का आरोप लगाया है। जाहिर है कि विधायकों के आचरण पर गंभीर सवाल है।*

श्री द्विवेदी ने सोशल मीडिया पर चल रहे घटनाक्रम को विधायिका के लिये शर्मनाक और दुखद बतलाते हुए मामले की सूक्ष्म, निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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