40 साल बाद होगी अमरकंटक के रंग महला मंदिर में पूजा
अनूपपुर/पुष्पराजगढ़/ अमरकंटक : - 40 साल से पूजा से वंचित हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र अमरकंटक स्थित प्राचीन रंग महला मंदिर में कोर्ट के आदेश के बाद अब होगी विधि विधान से पूजा । नर्मदा मंदिर के सामने स्थित प्राचीन विष्णु ,शिव और सत्यनारायण भगवान का मंदिर पूजा अर्चना से था वंचित ।
अनूपपुर जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा मंदिर के सामने प्राचीन कलचुरी कालीन रंगमहला मंदिर जिसकी भव्यता सुंदरता देखने बनती है जो कल्चुरी कालीन सेकडो साल का प्राचीन मंदिर है ,यहां विष्णु ,पातालेश्वर शिव, सतनारायण भगवान विराजे है और इन मंदिरों पूजा-पाठ लगभग 40 सालों से बंद थी, मंदिर परिसर को पुरातत्व विभाग का अधिग्रहण था और पूजा पाठ पर प्रतिबंध लगा दिया था । शंकराचार्य द्वारका शारदा एवम् ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वर्गीय स्वामी स्वरूपानंद जी ने भारत सरकार पुरातत्व विभाग स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ पूजा पाठ की अनुमति की मांग को लेकर 7 साल पहले 2015 में अपर सत्र न्यायालय राजेंद्रग्राम में याचिका दर्ज करवाई थी। जिसकी जिरह शंकराचार्य जी के वकील मुरली धर शर्मा एवम श्री धर शर्मा ने की थी मंदिर परिसर क्षेत्र और मंदिरों की संपूर्ण देखरेख और पूजा पाठ का उत्तरादयी ज्योतिष पीठ की है यह उल्लेख किया गया था इस वाद को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने ज्योतिष पीठ के पक्ष में फैसला देते हुए मंदिरों पर पीठ द्वारा देखरेख एवम पूजा पाठ करने की अनुमति प्रदान कर राज्य सरकार पुरातत्व विभाग ,जिला कलेक्टर को आदेश की प्रतिलिपी भेजी गई।
हिंदू आस्था के अनुसार और अमरकंटक पुजारियों के बताए अनुसार किमविदती है की रंग महला मंदिर के अंदर विराजे पातालेश्वर मंदिर में श्रवण मास में खुद गंगा मां मंदिर में आती है और शिव का अभिषेक करती हैं आस्था के इस बड़े केंद्र मंदिर को पूजा पाठ से वंचित कर कहीं न कही क्षेत्र वाशियो के अंदर रोष था। आदेश के आने के बाद क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी प्राचीन मंदिर जहां पहले से लोग जाते थे वहां पूजा करते थे आराधना करते थे अमरकंटक वाशियो का आस्था का केंद्र था वह मंदिर बिना पूजा पाठ के जर्जर स्थिति में था , सिविल कोर्ट पुष्पराजगढ़ के आदेश के बाद अब वहां पूजा पाठ होगी सभी मंदिरों में पुजारी भी नियुक्त किए जाएंगे पंचायत शंकराचार्य द्वारिका शारदा एवम् ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद ने पूजा पाठ को लेकर भारत सरकार के आदेश के विरुद्ध पूजा रोकने के खिलाफ दर्ज करवाया 8 साल बाद इस पर फैसला आया है कोर्ट ने याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसके उपरांत सम्मानित कोर्ट ने मामले को रजिस्टर्ड कर आदेश जारी किया एवं पुरातत्व विभाग स्टेट गवर्नमेंट जिला कलेक्टर को इसकी प्रतिलिपि भेजी है की प्राचीन रंग महिला मंदिर का पूर्ण अधिकार ज्योतिष पीठ को है और पूर्णरूपेण पूजा का अधिकार प्राप्त है।
विदित हो की 7 दिन पहले ही द्वारिका शारदा पीठ एवम् ज्योतिष पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरवस्ती जी का दुखद निधन हो गया जिसके बाद उनके उत्तराधिकारी अविमुक्तेरवरानन्द सरस्वती जी महाराज ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनाए गए और उन्होंने इस खुशी को परमपूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वर्गीय स्वरूपा नंद सरस्वती जी की जीत बताई और खुशी व्यक्त की।