क्या भाजपा में भितरघात करने वालो का बढ़ जाता है कद ? बागियों और भितरघातियों पर मेहरबान भाजपा जिला संगठन publicpravakta.com

 


क्या भाजपा में भितरघात करने वालो का बढ़ जाता है कद ?


बागियों और भितरघातियों पर मेहरबान भाजपा जिला संगठन


अनूपपुर :- भाजपा संगठन में जिस तरह से आयातित कार्यकर्ताओ का कद बढ़ रहा है और भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओ की उपेक्षा लगातार हो रही है जिससे कार्यकर्ताओ में लगातार असंतोष बढ़ रहा है साथ ही होने वाले प्रत्येक चुनाव में पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्यासिओ और बागियों के समर्थन में पार्टी में भितरघात करने वालो का कद पार्टी के अंदर लगातार बढ़ रहा है उन्हें जिला ब्लाक स्तर से लेकर जिला स्तर तक के पदों पर आसीन किया जा रहा है , 4 साल पहले हुए जैतहरी नगर परिषद चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बगावत कर चुनाव लड़ने वाली नवरत्नी विजय शुक्ला का प्रचार करने वाले और उनकी बैठकों में शामिल होने वाले नेताओं को भाजपा में पदाधिकारी बनाया गया है साथ ही उन्हें इन दिनों होने वाले नगर पालिका चुनाव में वार्डो का प्रभारी भी बनाया जा रहा है । 2018 में हुए जैतहरी नगर परिषद चुनाव में भाजपा की बागी प्रत्याशी नवरत्नी शुक्ला के पक्ष में प्रचार करने वाले और उनकी बैठकों में शामिल होने वाले दिवंगत भाजपा नेता ओम प्रकाश द्विवेदी की पत्नी श्रीमती प्रवीण द्विवेदी और उनकी पुत्री रेखा पांडेय को पार्टी ने अनूपपुर नगर पालिका चुनाव में वार्ड 14 और वार्ड 12 से अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो वही श्यामनारायण शुक्ला को भाजपा ने किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष के पद से नवाजा है । रामनारायण उरमलिया भी जैतहरी नगर परिषद चुनाव में भाजपा के बागी प्रत्याशी की बैठकों में लगातार शामिल हुए थे और उनका प्रचार भी किया था उन पर भी भाजपा का जिला संगठन मेहरबान है । भाजपा से बगावत कर अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाने वाले विजय शुक्ला को भाजपा ने अनूपपुर नगर पालिका चुनाव में वार्ड 14 का प्रभारी नियुक्त किया है ।  विजय शुक्ला ने  2018 में नगर परिषद जैतहरी के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से टिकट मांगा था और टिकट न मिलने पर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया और जीत हासिल की थी फिर बाद में वो पत्नी समेत कांग्रेस में शामिल हो गए थे तब प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में थी उसके बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही विजय शुक्ला का हृदय परिवर्तन हुआ और वे भाजपा के संविधान से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हो गए  । तब इनमे से किन्ही भी बागियों और भितरघातियों पर पार्टी ने कोई कार्यवाही नही की थी । ऐसा लगता है कि पार्टी की अनुशाशन समिति का अनुशाशन सिर्फ दिखावा है पार्टी जिन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करती है फिर दूसरे चुनावो की तैयारी के लिए 6 साल का निष्कासन को शायद पार्टी दीवाली, होली आफर के तहत 6 महीने से पहले ही खत्म कर देती है ? वैसे भी अनूपपुर भाजपा में बागियों और भितरघातियों को पद से नवाजने का इतिहास रहा है ।



 छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद में रहते हुए जितेंद्र सोनी ने  आज़ाद पैनल के पक्ष में काम करते हुए विद्यार्थी परिषद को छात्र संघ चुनाव हरवाने का काम किया था ? बाद में जितेंद्र सोनी को विद्यार्थी परिषद से लेकर युवा मोर्चा, और भाजपा में विभिन्न पदों से नवाजा गया । 

2018 कि विधानसभा चुनाव में पुष्पराजगढ़ विधानसभा से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी नरेंद्र मरावी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले भूतपूर्व विधायक सुदामा सिंह वर्तमान में जिला अंत्योदय समिति के अध्यक्ष है । 2018 में अनूपपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल को भाजपा प्रत्याशी नही बनाए जाने के लिए  भाजपा के कई पदाधिकारियों ने संगठन को पत्र लिखा था उसके बाद भी पार्टी ने रामलाल रौतेल को प्रत्याशी बनाया था और रामलाल रौतेल की हार हुई थी सूत्र बताते है कि उसकी मुख्य वजह भितरघात थी ? 

क्या भाजपा का चाल , चरित्र , चेहरा यही है कि पहले सालो तक पार्टी के लिए दिन रात एक करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओ को प्राथमिकता न देकर आयतित कार्यकर्ताओ को या पार्टी खिलाफ काम करने वाले भितरघाती ? और बागियों के लिए काम करने वालो को पार्टी में मुख्य पदों पर पदाशीन करे ? और पार्टी ऐशे ही कार्यकर्ताओ को निकाय चुनाव में प्रत्याशी भी बनाए और पार्टी के जमीनी कार्यकता और पार्टी टिकट के मजबूत दावेदारो को पहले किनारे करे ,उन्हें पार्टी से बाहर करे और फिर विजयश्री हासिल करने के बाद उनका मांन मनव्वल करके उन्हें गाजे बाजे के साथ पार्टी में शामिल करवाए ?




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