दो हाथियो ने वन परिक्षेत्र जैतहरी के जरेली के जंगल में डाला डेरा
अनूपपुर :- दो हाथियों का दल विगत 22 जून को अनूपपुर जिले के वन परीक्षेत्र अमरकंटक से विचरण करता हुआ छत्तीसगढ़ राज्य के गोरैला वन परिक्षेत्र में दो दिन विचरण करने बाद शनिवार की सुबह फिर से अनूपपुर जिले के जैतहरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत वेंकटनगर बीट के जरेली के जंगल में अपना डेरा डाला हुआ है,हाथियों के आने की सूचना पर जैतहरी वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहकर नजर बनाए हुए हैं।
इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार दो हाथियों का समूह जो विगत तीन माह से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही क्षेत्र से मध्य प्रदेश के अनूपपुर,शहडोल, उमरिया एवं डिंडोरी जिले के वन क्षेत्रों तथा वनो से लगे ग्रामीण अंचलों में निरंतर विचरण करता हुआ 22 जून की रात वन परीक्षेत्र अमरकंटक के उमरगोहान बीट तथा गांव से पहाड़ चढ़कर छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन मंडल अंतर्गत गौरेला वन परीक्षेत्र में प्रवेश कर गया रहा जिससे ऐसा लगता रहा कि दोनों हाथी छत्तीसगढ़ राज्य की ओर चले गए हैं,लेकिन दोनों हाथी मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती इलाकों में विचरण करता हुआ शनिवार की सुबह गौरेला वन परीक्षेत्र के चिकनी, खैरझिटी होता हुआ फिर से अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्र जैतहरी अंतर्गत पोड़ी बीट के महेशाटोला (खोडरी),कोलानटोला से नदी के किनारे किनारे खैरीटोला से रेलवे का तिपान नदी का पुल पार करते हुए जरेली के जंगल में आकर अपना डेरा जमाया हुआ है,हाथियों के आने की सूचना पर वन परीक्षेत्र जैतहरी के परीक्षेत्र अधिकारी अश्वनी कुमार सोनी,परिक्षेत्र सहायक वेंकटनगर आर,एस,शर्मा विभिन्न बीटो के वनरक्षको,सुरछा श्रमिकों के साथ हाथियों के समूह पर नजर बनाए रखते हुए जरेली के जंगल के आसपास के गांव तथा मोहल्ला में रहने वाले ग्रामीण जनों को हाथियों के दल से दूरी बनाए रखते हुए सावधान रहने की सूचना की है।तथा देर रात हाथियों का दल को स्वच्छंद रूप से विचरण करने देने की अपील की गई है,दोनों हाथियों द्वारा विगत रात गौरेला वन परीक्षेत्र के खैरझिटी गांव में दो कच्चे घरों में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे अनाजों को अपना आहार बनाया है।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर