रेलवे के दोहरे मापदंड से सभी परेशान, नियमित ट्रेनों को रोककर स्पेशल ट्रेन चलाने में गुड्स ट्रेन आड़े नहीं आ रही publicpravakta.com  

 



रेलवे के दोहरे मापदंड से सभी परेशान,

 नियमित ट्रेनों को रोककर स्पेशल ट्रेन चलाने में गुड्स ट्रेन आड़े नहीं आ रही      

                          

अनूपपुर :- अधोसंरचना के नाम पर रेलवे नियमित ट्रेनों को रोक कर कोयले से भरी गुड्स ट्रेन को धड़ाधड़ चला रहा है।लेकिन वही रेलवे का दोहरा मापदंड लोगों की समझ में नहीं आ रहा।रेलवे अपनी कमाई के चक्कर में आए दिन कहीं ना कहीं से स्पेशल ट्रेन तमाम रेल मार्ग पर धड़ाधड़  चला रहा है उससे उसकी गुड्स ट्रेन जो कोयला भरी है वह प्रभावित नहीं हो रही।आम जनता को जानबूझकर रेलवे परेशान कर रही है।नियमित ट्रेन कोरोना कॉल के बाद प्रारंभ हुई लेकिन कोयला भरी मालगाड़ी के चलते कोयले की कमी बिजली की कमी बताकर नियमित ट्रेनों को एक-एक, डेढ़- डेढ़ माह के लिए रोक दिया जाता है लेकिन स्पेशल ट्रेन चलाने में कोयला एवं बिजली की कमी आड़े नहीं आ रही। एक तो शहडोल संसदीय क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि यहां के लोगों को केंद्र में आवाज पहुंचाने वाला जनप्रतिनिधि कोई काम का नहीं मिला जिसके चलते शोषण पर शोषण होते चला जा रहा है।लेकिन लोग मौन धारण किए चुपचाप बैठे हुए हैं।बिजुरी वालों ने निश्चित ही अपनी शक्ति का अच्छा प्रदर्शन किया हिम्मत किया नतीजा भी कुछ दिनों में आ जाएगा।लेकिन हमारी सांसद चुप्पी साधे बैठी है केवल दिल्ली जाती है मुलाकात करती है व्हाट्सएप ,इंस्टाग्राम में फोटो वायरल करती है और फिर कुछ नहीं करती जिसका नतीजा है कि आज तक कोई सुविधाएं नहीं मिल पाई।  आज बिजुरी वालों पर जनता की मांग जनता की समस्या पर रेल रोकने पर आरपीएफ द्वारा प्रकरण बना दिया जा रहा है।लेकिन सांसद आरपीएफ पोस्ट तक नहीं गई कि क्यों प्रकरण बनाया जा रहा है।रेलवे अपनी हठधर्मिता छोड़ने को तैयार नहीं है और उसके खिलाफ आवाज बुलंद करो तो प्रकरण बना दिए जाते हैं यह कहां का न्याय है...?दोहरे मापदंड खुद रेलवे अपना रहा है लेकिन उसके दोहरे मापदंड पर कोई उंगली नहीं उठा रहा।सांसद है रेल मंत्री से सवाल करें कि जब कोयला और बिजली नहीं है नियमित ट्रेनों को बंद किया जा रहा है तो स्पेशल ट्रेन के लिए कोयला और बिजली कहां से आ रही है।लेकिन सांसद में इतना भी दम नहीं कि वह जनता के हित में जनता के पक्ष में सामने आ जाए।अब जनता आने वाले चुनाव में इसका सबक जरूर सिखाएगी वक्त का इंतजार करें।जिस तरीके से रेलवे शहडोल संसदीय क्षेत्र एवं सीआईसी रेल सेक्शन के लोगों का शोषण कर रहा है अच्छी खासी आमदनी वाली ट्रेनों को बंद कर रखा है और उच्च वर्ग को वह सुविधा देने के लिए एक्सप्रेस सुपरफास्ट ट्रेन चला रहा है लेकिन पैसेंजर ट्रेनों को जानबूझकर नहीं चला रहा।इसके लिए जरूरत है की लोगों को आगे आना पड़ेगा अन्यथा रेलवे शोषण पर शोषण करते जाएगी उसे केवल अपनी कमाई से मतलब है जनता के दुख दर्द से उसे कोई लेना देना नहीं। शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग नागपुर की ट्रेन स्वास्थ्य सुविधा के लिए मांगते मांगते थक गए।सुरेश प्रभु, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव लेकिन नागपुर की सुविधा शहडोल संसदीय क्षेत्र को नहीं मिली। एक रीवा वाले हैं जहां पर यह उक्ति चरितार्थ हो रही है बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख रीवा वालों ने कभी ट्रेन नहीं मांगी उन्हें इतवारी, मुंबई, सूरत के लिए ट्रेन मिल गई। हमारी सांसद 3  रेल मंत्री से पत्राचार कर चुकी लेकिन परिणाम कुछ नहीं ला पाई।लगता है हमारे सांसद का पत्र उनके आने के बाद डस्टबिन की शोभा बढ़ाता है तभी तो आज तक कोई सुविधा नहीं दिला सकी।सारनाथ एक्सप्रेस, रीवा बिलासपुर एक्सप्रेस उमरिया जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन पर सांसद नहीं रुका पाई इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है।भाजपा का नारा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास लेकिन इस बार वह खरा नहीं उतर पा रही।

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