क्या तानाशाह हो गई है जैतहरी जनपद सी ईं ओ की कुर्सी ? उच्च न्यायालय और अपर कलेक्टर के आदेश को भी नही मानते जनपद सी ई ओ ? Publicpravakta.com


क्या तानाशाह हो गई है जैतहरी जनपद सी ईं ओ की कुर्सी ?

उच्च न्यायालय और अपर कलेक्टर के आदेश को भी नही मानते जनपद सी ई ओ ?

2 साल में भी पीड़ित को नहीं मिली पति के निधन की अनुगृह एवं अंत्येष्टि सहायता राशि 


अनूपपुर/जैतहरी :- सरकार ने समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाने और उसे शासकीय योजनाओ का लाभ समय पर देने के लिए नियम और कानून बनाये है किसी भी नागरिक को समय पर जरूरी दस्तावेज मिल सके उसके लिए लोकसेवा केंद्रों की भी स्थापना की गई लेकिन जिस तरह से कुर्सी पर बैठने के बाद अधिकारी और बाबू तानाशाह हो जाते है ? और नियम कानून को ठेंगा दिखाते है और उसके परिणाम स्वरूप जान हितैषी योजना और कानून होने के बाद भी हितग्राही ( पीड़ित ) को दर दर भटकने को मजबूर होना पड़ता है । जैतहरी जनपद के चोरभटी ग्राम निवाशी रूपराम राठौर की 17 जनवरी 2020 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल से मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता व अनुग्रह सहायता राशि प्राप्त करने के लिए मृतक की पत्नी ने दिनांक 14 फरवरी 2020 को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत लोक सेवा केंद्र जैतहरी में आवेदन किया था लेकिन जनपद सी ई ओ की तानासाही और अमानवीय बाबुराज ने दो साल बीतने के बाद भी पीड़ित को योजना का लाभ नही मिल पाया है । इस दौरान पीड़ित ने प्रथम व द्वितीय अपील भी की और माननीय उच्च न्यायालय तक कि सरण में जा चुकी है और दोनों ही जगह से उसे योजना का लाभ देने के लिए आदेश किया जा चुका है । और इन दो सालो में जैतहरी जनपद में 2 या 3 सी ई ओ भी बदल चुके है लेकिन हालात जस का तस है या यूं कहें कि जैतहरी जनपद सी ई ओ की कुर्सी ही तानाशाह हो गई है ?

ग्राम पंचायत चौरभट्टी निवासी कंचन सिंह राठौर का कहना है कि उसके पति रूपराम राठौर की दिनांक 17 जनवरी 2020 को सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी ।



मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल से मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता व अनुग्रह सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदिका दिनांक 14 फरवरी 2020 को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत लोक सेवा केंद्र जैतहरी में आवेदन की थी । आवेदिका के आवेदन का परीक्षण करते हुए जनपद पंचायत जैतहरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी " परीक्षणोपरांत स्वीकृति कार्यवाही की जाएगी" का कारण बताकर आवेदिका के आवेदन को निराकृत कर दिया गया था । किंतु समय सीमा के भीतर उक्त सहायता राशि नहीं मिलने पर एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के दरम्यान सरकार के सभी सिस्टम बंद होने के कारण दिनांक 14 सितंबर 2020 को प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर को अपील की थी, किंतु उनके द्वारा भी समय सीमा के भीतर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण द्वितीय अपील कलेक्टर जिला अनूपपुर को की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय कलेक्टर जिला अनूपपुर 29 जुलाई 2021 को इस आशय का आदेश पारित किया था कि "आवेदिका के आवेदन का शासन के निर्देशों के परिपेक्ष में अंत्येष्टि सहायता के आवेदन का त्वरित जांच कर नियमानुसार 15 दिवस के भीतर निराकरण करें " जिसका नकल संलग्न करते हुए आवेदिका 7 अक्टूबर 2021 को पारित आदेश का पालन करवाया जाकर हित लाभ दिलाए जाने का आवेदन की थी । किंतु 15 दिवस तो क्या कई 15 दिवस गुजर जाने के बाद भी उक्त आदेश एवं आवेदिका के आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया तो आवेदिका ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर का दरवाजा खटखटाया जिसका प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी /एनओ 4593 आफ 2022 आदेश दिनांक 8 मार्च 2022 पारित करते हुए 30 दिवस के भीतर श्रीमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जैतहरी को आदेशित किया था। किंतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश का भी पालन नहीं किया गया । थक हार कर आवेदिका दिनांक 20 अप्रैल 2022 को ध्यानाकर्षण पत्र श्रीमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी को लिखते हुए अनुरोध किया है कि श्रीमान जी के द्वारा अब तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर के आदेश का भी पालन नहीं किया जा रहा है । अब श्रीमान जी और मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान सरकार ही बताएं कि मैं किस न्यायालय में जाऊं कहां जाऊं जोकि पति के निधन होने पर शासन की योजना मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण योजना से मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता व अनुग्रह सहायता की राशि मिल सके । ताकि मैं अपने बाल बच्चों का शिक्षा दीक्षा एवं पालन पोषण कर सकूं ।



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