तीस साल आगे की योजना पर कार्य कर रही मोदी सरकार -- गिरिराज सिंह मनरेगा में पारदर्शिता लाने अधिकारियों को दिये निर्देश publicpravakta.com


तीस साल आगे की योजना पर कार्य कर रही मोदी सरकार -- गिरिराज सिंह

मनरेगा में पारदर्शिता लाने अधिकारियों को दिये निर्देश

अनूपपुर :- मनरेगा को अधिक से अधिक लोगों के बीच ले जाने, इसका अधिकतम ,स्थायी लाभ लोगों को दिलवाने के लिये सरकार की यह मंशा है कि इसकी वार्षिक योजना और मास्टर रोल की जानकारी स्थानीय सांसद, विधायक, हारे विधायक,सांसद सहित सभी जन प्रतिनिधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से दिया जाए। यह शत प्रतिशत डीबीटी और आधार से जुडा होने के कारण विगत कुछ वर्षों में अधिक पारदर्शी हुआ है और पैसों की लूट कम हुई है। पुष्पराजगढ के रुरबन योजनान्तर्गत गाँवों के भ्रमण उपरांत राजेन्द्रग्राम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उपरोक्त विचार

भारत सरकार के केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरीराज सिंह ने व्यक्त किये। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा,सी ई ओ जिला पंचायत हर्षल पांचोली, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज द्विवेदी, राहुल पाण्डेय, हीरासिंह श्याम के साथ अन्य लोगों की उपस्थिति में जिले के वरिष्ठ पत्रकारों से वार्ता करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा  कि किसानों को खेतों से अतिरिक्त आय के साधन बढाने के लिए फलदार पौधों के रोपण, सब्जी उत्पादन, खेत - तालाब में मछली पालन की गतिविधियों को जोड़ना होगा।  उन्हें उन्नत और जैविक कृषि तथा कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली फसल को अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा। 

केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,कलेक्टर सोनिया मीणा, सीईओ हर्षल पांचोली , एसडीएम अभिषेक चौधरी के साथ स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमरकंटक में बहुत ही जमीनी और अच्छे कार्य किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास के सभी लक्ष्य मार्च तक पूरे हो जाएगें। सडक निर्माण पूर्ण हो चुका है। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरुप लोगों को घरों का स्वामित्व देने की योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। मध्यप्रदेश और हरियाणा इस योजना में अग्रणी राज्य हैं। लैण्ड रिकार्ड डिजिटाईजेशन का कार्य जारी है। आने वाले समय में जमीन से जुड़े झगड़े समाप्त हो जाएगें। लोगों को तहसील या पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। जमीन की रजिस्ट्री डिजिटल होने वाली है। 

श्री सिंह ने बतलाया कि अभी अनाज का बड़ा हिस्सा कीड़े, चूहे, जानवर खा जाते हैं। 2050 तक आबादी इतनी बढ जाएगी कि तब  तव सर्वाईवल आफ फिटेस्ट का सिद्धांत लागू होगा। मोदी जी पचास साल आगे की योजना पर कार्य कर रहे हैं। 2024 तक तीस मिलियन हैक्टेयर जमीन हम खेती योग्य बना रहे हैं। हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर विभाग, मछली विभाग, फ्लोरीकल्चर जैसे विभाग समन्वित रुप से किसानों की आमदनी बढाने के लिये कार्य करेंगे। कुपोषित बच्चों के सुपोषण के लिए मुनगा के पौधें का रोपण करने, गाय पालन तथा जैविक खाद के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने एक गांव --  एक फल नवाचार की जानकारी दी।

 मप्र राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना के माध्यम से आने वाले समय में 10 करोड़ महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने, उनकी आमदनी आठ हजार से १२ हजार महीने करने के लक्ष्य को दोहराते हुए बतलाया कि आज 8.5 करोड़ महिलाएं स्व सहायता समूहों के माध्यम से साढे चार लाख करोड़ रुपये का बैंक लिंकेज कर रही हैं। एनपीए भी 9.5 से घट कर 2.2 % रह गया है। उन्होंने कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को इस क्षेत्र में नाशपाती, कालीमिर्च, तेज पत्ता, काफी के उत्पादन पर कार्य करने को कहा। गांवों को उजडने और शहरों को इससे बिगडने से बचाने के लिये रुरबन योजना एवं स्व सहायता समूहों के माध्यम से लोगों को मजबूत करने की अपील की।

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