Publicpravakta.com कलेक्टर ने दद्दू उर्फ तीरथ कोल को प्रत्येक मंगलवार थाना प्रभारी अनूपपुर के समक्ष हाजिरी दर्ज कराने दिया आदेश

 


कलेक्टर ने दद्दू उर्फ तीरथ कोल को प्रत्येक मंगलवार थाना प्रभारी अनूपपुर के समक्ष हाजिरी दर्ज कराने दिया आदेश

अनूपपुर :- कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने अनावेदक दद्दू उर्फ तीरथ कोल पिता डोंगर कोल उम्र 26 वर्ष निवासी वार्ड नं. 6 सामतपुर थाना कोतवाली अनूपपुर जिला अनूपपुर जो वर्ष 2016 से 2020 तक लगातार 08 आपराधिक गतिविधियों में संलग्न पाया गया है को 31 मार्च 2022 तक की कालावधि तक प्रत्येक मंगलवार के 12 बजे दिन थाना प्रभारी अनूपपुर जिला अनूपपुर (म.प्र.) के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया है। उन्होंने अनावेदक को आदेश दिया है कि वह अपने आपराधिक कृत्यों को पूर्णतः त्याग दे, अन्यथा एक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की दशा में उसके विरुद्ध जिला बदर का प्रकरण पुनः प्रांरभ किया जाकर समुचित कार्यवाही की जा सकेगी। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त आदेश का पालन न करने, उल्लंघन करने या विरोध करने पर, म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के अंतर्गत अनावेदक को गिरफ्तार किया जावेगा जो 03 वर्ष के कारावास व जुर्माने से दण्डनीय होगा।      

 

       पुलिस अधीक्षक अनूपपुर ने अनावेदक के विरुद्ध प्रतिवेदन में लेख किया है कि, अनावेदक वर्ष 2016 से अपराध जगत में प्रवेश कर लगातार आपराधिक जीवन व्यतीत कर रहा है। अनावेदक आदतन अपराधी है जो थाना क्षेत्र अनूपपुर में मारपीट, जुंआ, शराब खोरी एवं 307 जैसे अपराधों में संलिप्त होकर लगातार अपराध करता चला आ रहा है। अनावेदक के विरुद्ध थाने में कई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है तथा अनावेदक के विरुद्ध समय-समय पर अपराधों में अंकुश लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां की गई, किन्तु अनावेदक के आपराधिक कृत्यों में कोई सुधारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि लगातार अपराध जगत में अग्रसर होता जा रहा है। अनावेदक के आपराधिक कृत्यों से आम जनता में अत्यन्त भय व्याप्त है तथा अनावेदक के स्वछंद घूमने से जन सामान्य अपने दैनिक कार्य करने से भयभीत रहते हैं। आम जन अनावेदक के अत्याचार सहने को मजबूर है तथा अत्याचार सहते हुए भी इसके आपराधिक कृत्यों की थाने में रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और यदि कोई रिपोर्ट करे भी तो कोई भी व्यक्ति उसके डर के कारण गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। अनावेदक का समाज में स्वछंद विचरण करना समाज के लिए घातक है। उपरोक्त परिस्थितियों में अनावेदक के विरुद्ध म.प्र. सुरक्षा एवं लोक व्यवस्था नियम की धारा 5, 6, 7 के अंतर्गत कार्यवाही किया जाना आवश्‍यक है।

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