श्रावण शुक्ल पक्ष सप्तमी को पुष्पांजलि अर्पित कर ब्रम्हलीन 1008 स्वामी शुकदेवानंद जी की सप्तम पुण्यतिथि मनाई गई ।
पुण्यतिथि पर हुआ भव्य भंडारे का आयोजन , भक्तों ने अर्पित की पुष्पांजलि
श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक : - मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में स्थित श्रीयंत्र महामेरु मंदिर के प्रमुख गादीधारी ब्रह्मलीन 1008 परम पूज्य संत स्वामी सुकदेवानंद पुरी जी महाराज की आज श्रावण शुक्ल पक्ष सप्तमी 31 जुलाई 2025 को आश्रम परिसर में भक्तों और शिष्यों ने अपने गुरुदेव जी की छायाचित्र पर उनके श्री चरणों में पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया । उनकी याद में आज आश्रम पर नगर के समस्त संतगण , भक्तगण और बाहर से आए शिष्यगण आश्रम में नगर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किए ।
श्रीयंत्र महामेरु मंदिर के परम पूज्य स्वामी सुकदेवानंद पुरी जी महाराज की सातवीं पुण्यतिथि के पावन अवसर पर भक्तिपूर्ण भव्य नगर भंडारे का आयोजन किया गया । इस अवसर पर स्वामी जी के शिष्यों , भक्तों , संत-महात्माओं सहित हजारों श्रद्धालुओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की और उनके आध्यात्मिक मार्ग को स्मरण किया ।
आज नगरवासियों सहित दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु भक्ति भाव से भंडारे में सम्मिलित हुए और भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया । अमरकंटक नर्मदा मंदिर पुजारीगण भी इस अवसर पर पधारकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किए । आज का वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा ।
श्रीयंत्र महामेरु मंदिर के अध्यक्ष श्री 108 स्वामी शरदपुरी जी महाराज ने बताया कि स्वामी सुकदेवानंद पुरी जी महाराज की 31जुलाई को पुण्यतिथि में सभी संतो,भक्तों,श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पूजन आराधना के बाद विशाल भंडारे के साथ पुण्यतिथि का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है । स्वामी जी के शिष्यगण , भक्त , नगरवासी और श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में इस पुनीत अवसर पर एकत्र होकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । स्वामी शरदपुरी जी ने बताया कि सर्व प्रथम अमरकंटक आगमन 1979 में आना हुआ उसके बाद 2013 में फिर स्वामी जी के षोडशी कार्यक्रम अगस्त 2018 में आया तब से लगातार आश्रम की देखभाल सेवा कार्य में लगा हु ।
स्वामी शरदपुरी जी महाराज ने यह भी बताया कि स्वामी सुकदेवानंद जी द्वारा दिव्य स्वप्न — एक शक्तिपीठ रूपी श्रीयंत्र महामेरु मंदिर — अब मूर्त रूप ले रहा है। पूर्व में इस मंदिर को 2025 में दर्शनार्थ खोलने की योजना थी , लेकिन स्थानीय मौसम एवं निर्माण में आ रही प्राकृतिक बाधाओं को देखते हुए अब इसे वर्ष 2026 में भक्तों के लिए खोला जाएगा , जिससे आमजन देवी माँ के दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे ।
ज्ञात हो कि स्वामी श्री 1008 सुकदेवानंद जी महाराज का ब्रह्मलीन शरीर 16 अगस्त 2018 को माँ नर्मदा के पावन चरणों में विलीन हुआ था । उनकी स्मृति में यह सप्तम पुण्यतिथि समारोह अत्यंत उल्लास और श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया । आज इस कार्यक्रम में मुख्यरूप से अध्यक्ष श्री 108 स्वामी सरदपुरी जी महाराज , संदीप यादव सचिव , गणेशराज पांडेय व्यवस्थापक , संत हरिचैतन्यपुरी जी , नर्मदा मंदिर पुजारी और शिष्य कामता प्रसाद द्विवेदी , गिरिजानंद पूरी (छोटे बाबा) , संतोष सिंह , अविनाश ओझा वाराणसी , अजय मिश्रा प्रयागराज , अशोक राणा दिल्ली , पत्रकार आदि भारी संख्या में लोग पहुंचे ।