जबलपुर टिमरी सामूहिक हत्याकाण्ड के विरोध में अखण्ड ब्राम्हण सेवा समिति अनूपपुर ने सौपा ज्ञापन
अनूपपुर :- जबलपुर के टिमरी गाँव मे चार ब्राम्हणों के सामूहिक नर संहार की घटना से अनूपपुर जिले के ब्राम्हणों में नाराजगी है। घटना से क्षुब्ध ब्राह्मण संगठनों ने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खडे किये हैं । प्राप्त जानकारी के अनुसार
अखंड ब्राह्मण सेवा समिति अनूपपुर जिला इकाई ने कोतमा में प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर कहा है कि अखण्ड ब्राह्मण सेवा समिति भारतवर्ष प्रदेश इकाई मध्यप्रदेशदिनांक 27 जनवरी 2025 को मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पाटन थाना अंतर्गत ग्राम टिमरी में ब्राह्मण परिवार के साथ घटित हुई 4 लोगो की नृशंस हत्या एवं 2 व्यक्ति के गम्भीर रूप से घायल होने के मामले में ध्यानाकर्षण कराना चाहती है। घटना की संगठन घोर निंदा करती है और मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश सरकार से ब्राह्मणों की सामाजिक सुरक्षा और विगत दिवस घटित घटना में लिप्त अपराधियों पर कठोर कार्यवाही की मांग करती है। संगठन मृत परिवार के आश्रितों को हर संभव सहयोग की अपील करती है। पत्र में कहा गया है कि जबलपुर जिले के ग्राम टिमरी में हुई ब्राहमणों की हत्या से पूरा ब्राह्मण समाज दहशत में है और आक्रोशित है। खुलेआम तलवार व कुल्हाड़ी आदि धारदार हथियारों से परिवार पर हमला किया गया। जिसमे 4 लोगो की घटना स्थल पर जान चली गई तथा अन्य 2 घायल हो गे। इस जघन्य हत्याकांड को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि मध्य प्रदेश के अन्दर कानून व्यवस्था धरासाई हो गई है। सरे आम कानून कि धज्जियां उड़ाई जा रही है । खुले आम हत्या, मारपीट, चोरी, लूट इत्यादी आम बात है जिससे सरकार बदनाम हो रही है। इस हत्याकांड में ब्राहमणों कि हत्या हुई है इसलिए किसी भी राजनैतिक दल की इसमें कोई टिप्पणी नहीं आई है, जो कि शर्मनाक है । साथ ही प्रशासन का भी अब तक ढुल मुल रवैया देखने को मिल रहा है । प्रशासन कि और से अब तक कोई समुचित कार्यवाही नहीं की गई है । ऐसा लगता है कि प्रशासन और पुलिस विभाग के लोग भी अपराधियों को बचने में लगे हुए है। शासन का यह रवैया ब्राहमणों की उपेक्षा को प्रदर्शित करता है। अखंड ब्राहमण सेवा समिति इस हृदयविदारक घटना से बहुत अधिक द्रवित है और सरकार से सात दिनों के अंदर दोषियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग करती है। हमारी मांग है कि अपराधियों की सम्पत्ति राजसत की जाये। प्रत्येक मृतक के परिवार को रु 5000000/- (पचास लाख) की आर्थिक सहायता एवं एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये । अन्यथा पूरा ब्राह्मण समाज पूरे प्रदेश में आन्दोलन को मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।