कोल विकाश प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल के नेतृत्व में श्रमिकों ने सौंपा ज्ञापन, बात सिर्फ ज्ञापन तक है या कुछ और ? आखिर किसे साधना... और किसे चेताना चाहते है श्री रौतेल publicpravakta.com


कोल विकाश प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल के नेतृत्व में श्रमिकों ने सौंपा ज्ञापन, बात सिर्फ ज्ञापन तक है या कुछ और ? आखिर किसे साधना... और किसे चेताना चाहते है श्री रौतेल


अनूपपुर :-  आदिनाथ कोल बेनीफिकेशन प्राईवेट लिमि० ग्राम पंचायत क्षेत्र घिरौल में संचालित कोल वासरी में कार्यरत मजदूर श्रमिकों ने कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल के नेतृत्व में संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। 

रामलाल रौतेल राज्य स्तरीय कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष है उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है...

मतलब यह है कि वे राज्य सरकार में मंत्री का ओहदा रखते है...

और अनूपपुर से लेकर दिल्ली तक भाजपा की सरकार काबिज है ऐसे में मजदूरो की मांग का ज्ञापन देने रामलाल रौतेल को खुद कलेक्टर कार्यालय की दहलीज लांघनी पड़े तो डबल इंजन सरकार की गति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है । 

दरसल.... यह बात जितनी सीधी दिखाई देती है ... उतनी सीधी है  नही ... ?

रामलाल रौतेल प्रदेश के मझे और सधे हुए जनाधार वाले आदिवाशी नेता है... वे 2 बार विधायक व  राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके है व वर्तमान में कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष है...

जनहित और स्वयं के सम्मान की लड़ाई में वह अपनी ही सरकार को घेरने और प्रसाशन,सत्ता और संगठन तक अपनी बात चेतावनी के माध्यम से पहुचाने में उन्हें महारत हासिल  है.....¡

पूर्व में ऐसा देखा भी है चुका है...

जब फ्लाई ओवर ब्रिज और भिक्मतिया कोल की भूमि के मुद्दे पर वह अपनी ही सरकार की आंखों की किरकिरी बन चुके है ...

तो वही 2020 के उप चुनाव के दौरान यह  संदेश भी भेज चुके है कि कमलनाथ के करीबी का फोन आया था कांग्रेस में शामिल होने के लिए

लेकिन अगले ही पल यह संदेश भी दे दिया कि पार्टी का सच्चा कार्यकर्ता हु पार्टी ने सब कुछ दिया है ..... कही नही जाऊंगा ...

वर्तमान में भाजपा संगठन में बदलाव का दौर चल रहा है.. मंडल और जिला से लेकर अध्यक्षो का बदलाव हो चुका है प्रदेश में भी नेतृत्व बदलाव की कगार पर है उसके बाद निगम मंडलो और प्राधिकरणों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे ¡ 

तो क्या रामलाल रौतेल का स्वयं ज्ञापन देने में सामिल होना राज्य सरकार तक कोई संदेश या चेतावनी भेजने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ...  

कुछ कह नही सकते है.....

पर रामलाल रौतेल की सादगी और चुप्पी बिना कुछ कहे बहुत कुछ कहने का इसारा भी करती है .....

हालांकि श्री रौतेल ने बताया कि आदिनाथ कोल वाषरी में कार्यरत मजदूरों ने आज मेरे संज्ञान में यह बात लाया कि आदिनाथ कोल वाषरी कंपनी मजदूरों का षोषण कर रही है और इनसे 12-12 घंटे तक काम लिए जा रहे हैं। 

प्रबंधन से 12 घंटे के स्थान पर 8 घंटे के काम की मांग करने पर प्रबंधन श्रमिकों को नौकरी से निकालने की धमकी दे रहा है। मैंने श्रम अधिकारी से भी बात की है और कलेक्टर को भी मजदूरों ने ज्ञापन सौंपा है।  मजदूरों के हित को अनदेखा नही किया जायेगा मेरी पूरी कोषिष होगी कि मजदूरों को न्याय मिले.............


अनुपम सिंह पब्लिकप्रवक्ता

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