अनूपपुर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति पार्टी के लिए बनी चुनौती........ विधायक, पूर्व विधायक की अलग अलग पसंद से फसा पेच
अनूपपुर :- भाजपा के संगठन चुनाव की पहली सीढ़ी मंडल अध्यक्षो के चुनावों को मानी जा सकती है , मंडल अध्यक्षो के चुनाव के बाद जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ होनी है लेकिन अनूपपुर जिले के सोलह मंडलो के चुनाव के लिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं से रायसुमारी की और 3 - 3 नामो का पैनल मांगा था जिसमे 13 मंडलो के अध्यक्षो की घोषणा हो चुकी है व अनूपपुर नगर मंडल, पसान व अमरकंटक मंडल अध्यक्षो की घोषणा पार्टी अब तक नही कर पाई है जिसमे अनूपपुर और पसान के मंडल अध्यक्षो की घोषणा पार्टी के लिए सरदर्द बन चुकी है । पार्टी सूत्रों की माने तो अनूपपुर में मंडल अध्यक्ष के लिए 11 सक्रिय सदस्यों ने मंडल अध्यक्ष के लिए आवेदन किया था जिनमे से अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह , पूर्व विधायक रामलाल रौतेल और जिला महामंत्री जितेंद्र सोनी निवर्तमान मंडल अध्यक्ष शिवरतन वर्मा की अलग अलग पसंद है और कार्यकर्ताओं की रायसुमारी को ये कोई तबज्जो नही दे रहे है इनके अपने अपने लाभ - हानि के हिसाब अपनी अपनी पसंद तय कर रखी है ।
पार्टी सूत्रों की माने तो अनूपपुर मंडल अध्यक्ष के लिए अनूपपुर विधायक बिसाहू लाल की पसंद राजा तिवारी है जिसकी नियुक्ति को लेकर बिसाहू लाल अपनी एड़ी चोटी की ताकत लगाए हुए है तो वही राजा तिवारी के नाम के विरोध में भाजपा व युवामोर्चा के पूर्व व वर्तमान के लगभग एक दर्जन पदाधिकारियो व एक पार्षद ने मोर्चा खोल रखा है, इनमे से कुछ ने तो चुनाव अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर एक पत्र सौपा है जिसमे लिखा गया है कि राजा तिवारी को मंडल अध्यक्ष न बनाया जाए क्योंकि इनके ऊपर न्यायालय में कई मामले दर्ज है और जमीन दलाली, भूमाफिया और अवैध कब्जे की खबरे मीडिया में आए दिन छपती रहती है व समाज व संगठन में इनकी स्वीकारता नही है....
तो वही अनूपपुर विधानसभा के पूर्व विधायक रामलाल रौतेल का समर्थन वेदप्रकाश द्विवेदी व सुभाष पटेल को माना जा रहा है, सुभाष पटेल को रामलाल रौतेल का समर्थन वास्त्विक है या सिर्फ यह लालीपाप है यह तो नेता जी ही जाने ? ऐसा इसलिए क्यों कि पार्टी सूत्र बताते है कि पूर्व विधायक रामलाल रौतेल का समर्थन वेद प्रकाश द्विवेदी को माना जा रहा है और कुछ युवाओ की राजा तिवारी के खिलाफ लामबंदी भी इसी दिशा में है ....
तो वही वर्तमान भाजपा जिला महामंत्री जितेन्द्र सोनी व निवर्तमान मंडल अध्यक्ष शिवरतन वर्मा का अपना अलग खेमा है यह खेमा मुकेश राठौर के नाम का समर्थन कर रहा है ।
अनूपपुर नगर मंडल में अनूपपुर,पिपरिया,दुलहरा, कांसा, कोड़ा,सकरा, जमडी आदि ग्राम शामिल है और यह ग्राम पटेल बाहुल्य ग्राम है सुभाष पटेल के आवेदन को पूरी तरह से खारिज करना कही भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित न हो जाए ? सुभाष पटेल की नियुक्ति में उनका निर्दलीय चुनाव लड़ना उनकी कमी माना जा रहा है यही मुद्दा पसान मंडल में अजय यादव का भी निगेटिव फैक्टर माना जा रहा है , दोनों ही मामले में नगर पालिका चुनाव के समय पार्टी के टिकट वितरण के जिम्मेदार ही थे जिन्होंने जिताऊ उम्मीदवार को छोड़कर भाई भतीजा वाद या अपने चहेतो को टिकट दिया और संघठन को कमजोर किया था । अनूपपुर में तो भाजपा को नगर सरकार बनाने के लिए एक निर्दलीय चुनाव जीते प्रत्याशी को अध्यक्ष बनाना पड़ा था । सुभाष पटेल और अजय यादव ने निर्दलीय चुनाव जीता और भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया था सवाल यह है कि जब निर्दलीय चुनाव जीते प्रत्याशी को नगर सरकार में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है व बिसाहू लाल के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने वाले नेताओ को संगठन में पद दिया जा सकता है तो बर्षो - बरस पार्टी के लिए अपना पसीना बहाने वाले ऐसे कार्यकर्ता जिन्हें पार्टी ने टिकट नही दिया तो निर्दलीय चुनाव जीत कर भाजपा को समर्थन दिया और भाजपा में ही सामिल हुए कही भी पार्टी को कमजोर नही किया ऐसे कार्यकर्ताओ को मंडल अध्यक्ष बनाने में पार्टी को क्यों परहेज है । पार्टी का यह मापदंड पार्टी के लिए कही नुकसान दायक निर्णय साबित न हो जाए ।
मंडल अध्यक्ष के चुनाव के बाद जिला अध्यक्ष की चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ होगी इसलिए हर एक नेता अपने पसंद का मंडल अध्यक्ष बनवाना चाह रहे ही जिससे जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में अपने पसंद का जिला अध्यक्ष नियुक्त करवाया जा सके जिससे संगठन में इनकी पकड़ मजबूत हो सके ।