शिक्षा मंत्री के बयान से नाराज अतिथि शिक्षकों ने भाजपा जिलाध्यक्ष को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर :- शिक्षा मंत्री के बयान से नराज अतिथि शिक्षकों ने माफी मांगे नहीं तो आंदोलन की चेतवनी देते हुए शुक्रवार को भाजपा जिला अध्यक्ष रामदापुरी को ज्ञापन सौंप कहां कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में विगत 16 वर्षों से अतिथि शिक्षक कम मानदेय में अपनी सेवायें देते आ रहे हैं। विद्यालयों को सुचारू रूप से संचालित करने और शिक्षण व्यवस्था को सही तरीके से चलाने में अतिथि शिक्षको ने अपने जीवन का अमूल्य समय दिया है। विगत 10 वर्षों से अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को सुरक्षित करने को लेकर सरकार से मांग करते आ रहे हैं' लेकिन आज तक अतिथि शिक्षकों कें हित में सरकार ने कोई उचित निर्णय नही लिया है। वहीं शिक्षामंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान को अपमानजनक बताते हुए कहां कि प्रदेश के अतिथि शिक्षक इससे काफी दुखी और हताश हैं। इस बयान पर शिक्षा मंत्री माफी मांगे नही तो आंदोलन होगा।
वहीं गत 2 पंचवर्षीय से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने और विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने का आश्वाशन भी महापंचायत के माध्यम से दिया गया, लेकिन आजतक मांग पूरी नहीं हुई। ऐसे में निराश अतिथि शिक्षक अपनी मांग को लेकर कई बार जिला व प्रदेश स्तर पर आंदोलन, धरना, रैली, ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं और लगातार विद्यालय में सेवा देते हुए अपने भविष्य को सुरक्षित करने की मांग कर रहे है।
शिक्षा मंत्री का बयान अपमानजनक
अतिथि शिक्षक संघ जिला अनूपपुर के जिला अध्यक्ष मनलाल साहू ने बताया कि बीते दिवस प्रदेश के शिक्षामंत्री राव उदय प्रताप सिंह द्वारा अतिथि शिक्षकों को लेकर बयान पर उन्होने कहा कि 'आप अतिथि है आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या' शिक्षामंत्री के बयानबाजी के बाद पूरे प्रदेश के अतिथि शिक्षको ने कहा कि हम विद्यालयों में शिक्षा देने जाते है और हमारे शिक्षामंत्री हमारा अपमान करते हैं। शिक्षकों ने कहा कि अतिधि एक, दो, तीन, चार पांच या दस दिन के लिये होता है जिसे मेहमान कहते है लेकिन प्रदेश में अतिथि शिक्षक विगत 18 वर्षों से अपने जीवन का बहुमूल्य समय शिक्षण कार्य में देते आ रहे है तो ऐसे में क्या उनका इस तरह से अपमान करना उचित है।
वर्षों से शोषण का शिकार हो रहे अतिथि शिक्षक
जिला अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य कराने वाले अतिथि शिक्षकों का कई वर्षों से शोषण हो रहा है। हम लगभग 15 से 16 वर्षों से अतिथि शिक्षक हैं और विगत 10 वर्षों से मध्य प्रदेश के बीजेपी सरकार द्वारा उन्हें नियमित करने और लाभ देने का लालच दे रही है लेकिन आज तक उन्हें लाभ नहीं दिया गया है इस लालच में फंसे होने के कारण वह कोई और कार्य भी नहीं कर पाते हैं और अब प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके मंत्री इस तरह से बयान बाजी करते हैं जिससे प्रदेश के अतिथि शिक्षक काफी दुखी और हताश नजर आ रहे हैं।
माफी मांगे शिक्षा मंत्री, नही तो होगा आंदोलन
शिक्षामंत्री के इस बेतुके बयान के बाद पूरे प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों में भारी आक्रोष है। शिक्षामंत्री द्वारा दिये गये बयान अशोभनीय और निंदनीय प्रतीत हो रहा है जिससे पूरा अतिथि शिक्षक वर्ग काफी दुखी है यदि शिक्षामंत्री अपने इस बयान पर माफी नहीं मांगते है तो आगामी 2 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय समेत सभी जिली में शिक्षामंत्री का पुतला दहन किया जायेगा। भाजपा जिला अध्यक्ष अनूपपुर को ज्ञापन सौंपते हुए यह चेतावनी दी कि आगामी समय में जिले भर के सभी शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य कराने वाले अतिथि शिक्षक आगामी दिनो में विद्यालयों का बहिष्कार करेगें। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग एवं शासन प्रशासन की होगी।