क्षमावाणी पर्व पर जैन मंदिर से निकाली गई विशाल शोभा यात्रा
अमरकंटक और आप पास से सैकड़ों जैन समाज लोग हुए सम्मिलित
श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक :- मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में संत शिरोमणि 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रेरणा से निर्मित जिनालय में विराजमान आदिनाथ भगवान के जैन मंदिर में जैन समाज के धर्मावलंबी भक्तो ने आत्मशुद्धि के महापर्व दसलक्षण धर्म के समापन पश्चात शनिवार को क्षमावाणी उत्सव मनाते हुए जैन मंदिर से विशाल शोभा यात्रा , ढोल नगाड़ों के ध्वनिसंगीत के बीच सैकड़ों की संख्या में पुरुष , महिलाये व बच्चे नाचते गाते , जयकारा लगाते अमरकंटक के प्रमुख मार्गो के बीचों बीच से होते हुए आदिनाथ भगवान रथ के साथ पैदल चलते हुए नर्मदा मंदिर समीप से वापस कतारबद्ध रथ के साथ पैदल चलते हुए जैन मंदिर वापस हो समाप्त किए ।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश गौरेला के निवासी अशोक जैन ने बतलाया की अपनी गलतियों की क्षमा मांगने से कोई व्यक्ति छोटा नही होता और क्षमा करने से व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है ।अमरकंटक निवासी निलेश जैन , देवेंद्र जैन ने भी बताया की इस उत्सव का भाव जियो और जीने दो का है जिसमे सभी क्षमा याचना कर आपस में प्रेम करे ।
यह क्षमावाणी पर्व हर वर्ष भादव मास की समाप्ति पर जैन समाज द्वारा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । इस यात्रा के दौरान आचार्य श्री की इक्षा इंडिया नही भारत बोलो तथा श्री जी का अभियान पर्यावरण बचाओ रथ पर पोस्टर द्वारा संदेश भी दिया जा रहा था ।
इस शोभायात्रा के साथ नगर के सुनील जैन , पंकज जैन , टिंकू जैन , बबलू जैन , कल्लू जैन , सोनू जैन आदि जैन समाज के महिलाए , बच्चे सम्मिलित हुए ।