अज्ञात वाहन से टकराने से छीरापटपर में मादा चीतल की मौत publicpravakta.com


अज्ञात वाहन से टकराने से छीरापटपर में मादा चीतल की मौत 


  हंड्रेड डायल की सूचना पर वन विभाग ने की कार्रवाई


अनूपपुर :-  वन परीक्षेत्र के जमुड़ी बीट अंतर्गत शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग के मध्य छीरापटपर में शुक्रवार की सुबह अज्ञात वाहन से टकराकर,बुरी तरह कुचल कर मादा चीतल की मौत हो जाने की सूचना राहगीरों द्वारा 100 डायल पुलिस को दिए जाने पर मौके पर पहुंचकर पुलिस द्वारा वन विभाग को सूचित किया जिसके बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच कर मृत चीतल के शव को अपनी अभिरक्षा में ले कर शुक्रवार की दोपहर कानूनी कार्यवाही करते हुए मादा चीतल का अंतिम संस्कार किया।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वन परीक्षेंत अनूपपुर के जमुडी बीट अंतर्गत छीरापटपर में शहडोल से अमरकंटक जाने वाले मुख्य मार्ग पर शुक्रवार की सुबह 3 बजे अज्ञात चार पहिया वाहन से टकराने पर एक मादा चीतल की बुरी तरह कुचल जाने से स्थल पर मौत हो गई,मृत मादा चीतल के शव को देखते हुए राहगीरों द्वारा 100 डायल पुलिस को फोन से सूचना दिए जाने पर प्रधान आरक्षक राजेंद्र सिंह,पायलट मनोज राठौर तत्काल मौके पर पहुंचकर मृत मादा चीतल के शव का अवलोकन करते हुए वन विभाग को सूचित किया जिस पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच कर मादा चीतल के शव को अपनी अभिरक्षा में रखते हुए शुक्रवार की दोपहर कानूनी कार्यवाही के साथ मृत मादा चीतल का दाह संस्कार करते हुए जांच प्रारंभ की।

 ज्ञातव्य है कि अनूपपुर वन मंडल अंतर्गत विभिन्न वन परीक्षेत्रो में सामान्य एवं हिंसक प्रजाति के वन्यप्राणियों का विचरण अन्य स्थानों के साथ जिले से गुजरने वाले विभिन्न मुख्य मार्गो जो बीच में पड़ता है जिसमे अक्सर देर शाम से सुबह के मध्य वन्यप्राणी जंगल में स्थित अपने रहवास क्षेत्र से आहार के तलाश में निकलते हुए सुबह होने पर फिर से वन क्षेत्र में जाते हैं इस दौरान अक्सर मुख्य मार्गो में तेज गति से चलने वाले वाहनों की चपेट में अक्सर आने से वन्यप्राणियों की मौत एवं गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, ग्रामीण एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति रुचि रखने वाले संगठनों,व्यक्तियों द्वारा अनेको वार जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों से वन्यप्राणी चीतल बाहुल्य शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग के मध्य जमुड़ी से राजेंद्रग्राम के लाघाटोला के मध्य एवं उमरगोहान से अमरकंटक पहुंचने के मध्य जहां से चीतल प्रजाति के वन्यप्राणी देर शाम से सुबह तक के जंगल से आहार की तलाश में गांव से लगे खेतों की ओर आने एवं सुबह होने के दौरान वापस वन क्षेत्र में जाते समय मध्य के स्थान को चिन्हित कर फेंसिंग वायर से फेंसिंग किए जाने की अपेक्षा किए जाने के बाद भी वर्तमान समय तक वन विभाग के द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही न किए जाने के कारण आए दिन चीतल सहित अन्य वन्यप्राणी मौत के शिकार हो रहे हैं वहीं वन विभाग कागज में खानापूर्ति कर अपने दायित्व को निभाने में जुटा रहता है ।

 रिपोर्ट:-शशिधर अग्रवाल अनूपपुर

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