दो दिनों में किया कई घरों खेतों में नुकसान,रविवार की सुबह से बांका के जंगल में डाले डेरा publicpravakta.com

 


दो दिनों में किया कई घरों खेतों में नुकसान,
रविवार की सुबह से बांका के जंगल में डाले डेरा


अनूपपुर  :- विगत 26 दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर वन परीक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों एवं जंगलों ने पांच हाथियों के समूह ने डेरा डाला हुआ है जो पूरे दिन जंगलों में रहने वाद अंधेरा होते ही खाने की तलाश में जंगल एवं गांव के बीच अलग-थलग बने कच्चे एवं पक्के मकानों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे अनाज गाड़ियों में लगे गन्ना,केला कटहल एवं अन्य फलो को अपना आहार बना रहे हैं वही किसानों के खेतों में लगी धान की फसलों को जो धीरे-धीरे बढ़ने लगी है को सूढ से पकड़कर पैरों में मार कर मिट्टी एवं कचरे को साफ कर खा रहे हैं चलने पर धान की फसलें नुकसान हो रही है विगत दो-तीन दिनों में यह देखने में आया कि ग्रामीणों द्वारा अपने घरों एवं जंगलों से दूर भगाए जाने हेतु ग्रामीण एकत्रित होकर हाथियों को हांका लगा कर फटाका,हो-हल्ला ,ढोल,ढोलक जैसे अनेकों उपाय कर भगाने का प्रयास करते हैं इस बीच भागने से थके हाथी ग्रामीणों को पीछे भगाए जाने के उद्देश्य से कभी-कभी रास्ते में पढ़ रहे पेड़ों की ढगाल तोड़कर तो कभी रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर को सूढ मे लपेटकर अचानक पीछे मुड़ कर ग्रामीणों को दौड़ाते हुयै ग्रामीणों पर फेंकने का प्रयास कर रहे हैं जिससे ग्रामीण डरकर पीछे हो जाते हैं तथा कुछ देर बाद पुनः भगाने का प्रयास में लग जाते हैं लेकिन सुबह होते-होते हाथी अपने स्थाई अड्डा बांका या गोबरी के जंगल में जाकर बीच जंगल में घुस कर,बैठ कर,खड़े होकर आराम करते हैं इस दौरान अक्सर देखा गया कि पांच हाथियों के समूह में चार हाथी जमीन पर पर बैठकर,लेट कर आराम करते हैं वही समूह का एक सदस्य खड़े रहकर आसपास की गतिविधियों पर निरंतर नजर बनाए रखता है जो घंटा दो घंटा खड़े रहने बाद बैठ जाता है जिसके बाद दूसरा सदस्य खड़े होकर निरंतर निगरानी करता है। विगत 26 दिनों में इस समूह में अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील के अनेकों गांव में हमला बोलकर घरों को तहस-नहस किया है जिससे कई लोग वर्षा काल में घरों में रहने तक की स्थिति नहीं है,ग्रामीण जन दिन में खेती बाड़ी का काम करने बाद शाम को घर जाकर जल्दी-जल्दी खाना बनाकर स्वयं ही अब गांव के मध्य पक्के मकानों मे या तो छतो में रहकर हाथियों के जाने का इंतजार करते रहते हैं अब तक दर्जनों गांव एवं उनसे लगे टोला-मोहल्ला के ग्रामीण हाथियों के आतंक से बुरी तरह भयभीत एवं डरे हुए हैं तथा प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन से हाथियों के समूह को अनियंत्रित ले जाने की मांग कर रहे हैं वहीं ग्रामीणों के निरंतर प्रयास के बाद भी हाथी क्षेत्र को छोड़ने को तैयार नहीं है शनिवार के देर साम-रात हाथियों का समूह बांका के कुदुरझोरी नाला के पास जंगल से निकलकर बांका गांव के स्कूलटोला ऊपरटोला से दुधमनिया गांव के विभिन्न टोला-मोहल्ला के पीछे से होकर रात 12 बजे के लगभग बांका के बांस प्लांटेशन के जंगल में जाकर दो-तीन घंटे आराम करने के बाद सुबह 3-4 बजे के लगभग फिर से जंगल से लगे ग्रामीणों की घरों में तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया अचानक आ रहे हाथियों के डर से ग्रामीण जन दूर भाग कर अपनी जान बचा सके रविवार की शाम हाथियों का समूह किस दिशा में रुख करेगा यह देर शाम होने पर ही पता चल सकेगा।

 रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर

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