प्रबंधन द्वारा बदरा कालरी के साथ सौतेला व्यवहार क्यों - नूर मोहम्मद तन्हा publicpravakta.com


प्रबंधन द्वारा बदरा कालरी के साथ सौतेला व्यवहार क्यों - नूर मोहम्मद " तन्हा "


अनूपपुर/बदरा जमुना :- क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा लगभग 6/7 वर्षों से सौतेला व्यवहार बदरा कालरी के साथ किया जा रहा है इसका साफ कारण है लोगों के समझ में आ रहा है कि यहां के यूनियन लीडर तथा फोरमैन सुपरवाइजर सभी का बदरा कालरी को ध्वस्त करने में अहम रोल रहा है बदरा कालरी  में आज पानी के एक एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं कहीं भी कालरी द्वारा एक बूंद पानी सप्लाई नहीं किया जा रहा है करोड़ों रुपए की लागत से बना फिल्टर प्लांट को यहां के फोरमैन सुपरवाइजर सब एरिया मैनेजर मैनेजर का कान भर भर के बंद करवा दी जिसका परिणाम यह  हुआ कि करोड़ों रुपए की जी. आई. पाइप लाइन जो पेयजल के लिए  बिछाई गई थी इनके इनके आंखों के सामने चोर खोज कर ले जाते रहे हैं मगर प्रबंधन की तरफ से थाने में एक भी आवेदन नहीं दिया गया इतना ही नहीं था ना भालूमाडा, कोतमा, के नाक के नीचे कबाड़ दुकानें खुली हैं और कबाड़ चोरी हो रहा है मगर पुलिस प्रशासन को रकम चाहिए उन्हें क्या मतलब है किसी के नफा नुकसान से किसी को पानी मिले या ना मिले इनकी जीत तो भरी जा रही है आज श्रमिक नगर, सरदार दफाई , पुरानी दफाई, बीमा ग्राम, लाइन दफाई, बदरा  बस स्टैंड,  बदरा बस्ती, खेपी टोला, भर्रा टोला सभी बस्तियां पानी के एक एक बूंद के लिए तरस रहे हैं इसका जिम्मेदार यहां का प्रबंधन वर्ग है जिससे आज कोई पूछने वाला नहीं है कि करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट ध्वस्त किसकी लापरवाही के कारण हुआ है 

    यहां के यूनियन लीडर सिर्फ मैनेजमेंट की चाटुकारिता ही करते हैं बदरा कालरी में सारी सुविधाएं प्रबंधन द्वारा छीन लेने के बाद भी 100 से 150 कर्मचारी कालोनियों में निवास कर रहे हैं इसके बाद भी कंपनी को जो भी क्वार्टर ध्वस्त हो गए हैं उन मकानों को मरम्मत करके यहां के गरीब, मजदूर वर्ग के लोग रह रहे हैं क्या इन्हें पीने के  पानी को पाने का अधिकार नहीं है आज इंसान तो इंसान जानवर, पशु, पक्षी ,भी एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं यहां पर निवास करने वालों का इतना ही कुसूर है कि कंपनी को इस क्षेत्र का दोहन करने के लिए आज्ञा दी थी। इसी दोहन के कारण आज ग्राम पंचायत बदरा पकरिहा के सभी तालाब ,कुआं , हैंडपंपों के स्रोत सूख चुके हैं आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? इस भीषण गर्मी में लोग एक एक बूंद पानी के लिए परेशान हैं और मैनेजमेंट के लोग चैन से सो रहे हैं 

     प्रधानमंत्री मोदी जी का घर घर शौचालय का मिशन फेल होता नजर आ रहा है आज घर घर में शौचालय तो है मगर शौचालय में पानी नहीं है लोग पुरानी पद्धति या लोटा लेकर जाने वाले मिशन पुनः  कंटिन्यू कर रहे हैं क्योंकि इस क्षेत्र में तो पानी है ही नहीं आज से 10 वर्ष पूर्व इसी जमूना/कोतमा क्षेत्र में चंदेश्वर साहब जी.एम. बनकर आए थे उनके द्वारा बदरा कालरी के सभी तालाबों में बोरहोल बदरा से पानी भरवाने के लिए कच्ची नाली का निर्माण करवा कर दो दो समर्सिबल चलाकर रखते थे जिससे गर्मी में तालाबों में पानी भरा रहे इस गांव के कुआं, हैंडपंपों के स्रोत सूखने ना पाए और पशु पक्षियों के अन बोलते जानवरों को पानी मिल सके एरिया से प्रतिवर्ष पानी के लिए ₹100000 खर्च किए जाते रहा है क्या उनकी तरह आज कोई संवेदनशील इंसान है जो दूसरों के लिए जीता हो बदरा कालरी के टाउनशिप को खत्म करने में यहां की बिजली विभाग के फोरमैन, सुपरवाइजर, मैनेजर, सब एरिया मैनेजर यहां के पांचो यूनियन उच्च पदाधिकारी, एरिया अध्यक्ष का अहम रोल रोल रहा है नहीं तो इतनी जल्दी बदरा कालरी विनाश के कगार तक नहीं पहुंचती एक बड़ी विडंबना यह है कि बदरा को एक सोची-समझी रणनीति के तहत खत्म किया गया है जबकि बदरा नेशनल हाईवे पर मौजूद है बस स्टैंड है कहीं भी आने-जाने के लिए साधन उपलब्ध है 5 किलोमीटर की दूरी पर रेलवे स्टेशन हरद एवं कोतमा है मार्केट एवं जनपद पंचायत कार्यालय है एक कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय है दो हायर सेकेंडरी बॉयज स्कूल है अनेकों प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल हैं एस०ई०सी०एल० कंपनी के द्वारा ऑफिसर क्वार्टर  स्टाफ क्वार्टर  उच्च श्रेणी के लेबर क्वार्टर हैं मगर न जाने कौन था और किसकी नजर इस क्षेत्र को लग गई है जो इसे ध्वस्त करने पर आमादा है आज गोविंदा क्षेत्र में एक माइंस मीरा है जमुना क्षेत्र में सिर्फ एक 5/6 है जो नाम मात्र की माइंस हैं भालूमाडा में कोई माइंस नहीं है बदरा उप क्षेत्र में नारायण खदान एवं 9/10 माइंस चल रही है लेकिन यहां के कर्मचारियों को कोई सुविधा नहीं है यहां तक एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं यहां के लोगों की आवाज कौन सुनने वाला है बदरा वही जगह है जहां पर आर०पी० मंडल, स्वामी शरण मिश्रा, उजागर सिंह ,आशिक अली, अरुण कुमार झा, श्रीकांत शुक्ला, डी० एस० बघेल ,दि० दिवाकर राव, जैसे यूनियन के नेता एवं क्षेत्र के लोगों का एवं कर्मचारियों का दुख दर्द समझते थे आज कौन है क्षेत्र के लोगों की परेशानियों को समझे  क्षेत्र के तमाम कर्मचारियों किसानों मजदूरों गरीबों की गरीबों की कलेक्टर महोदय से निवेदन है कि जानवर पशु पक्षी पानी के बगैर मर रहे हैं क्षेत्र में एस०ई०सी०एल पर दबाव डालकर पेयजल सुविधा सुनिश्चित कराने एवं जमुना कोतमा क्षेत्र के जननायक सब की समस्याओं को सुनने वाले नवागत महाप्रबंधक हरजीत सिंह मदान महोदय से निवेदन है कि इस बदरा क्षेत्र के लोगों को सिर्फ पेयजल दे दिया जावे जरूर दे दिया जावे मेहरबानी होगी

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