अमरकंटक का विद्यार्थी , थाइलैंड से लाया गोल्ड मैडल publicpravakta.com


अमरकंटक का विद्यार्थी , थाइलैंड से लाया गोल्ड मैडल 


अमरकंटक :: श्रवण उपाध्याय (पत्रकार) 


अनूपपुर/अमरकंटक :-  मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी अमरकंटक के  बालक क्रीड़ा परिसर खेल मैदान में इंटरनेशनल एथलेटिक्स गेम्स थाईलैंड 2023 में 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल से सम्मानित खिलाड़ी संग्राम सिंह धुर्वे के नगर आगमन पर जनजातीय कार्य विभाग जिला अनूपपुर (क्रीड़ा परिसर अमरकंटक) के द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनजातीय कार्य विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त एवं डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया का अमरकंटक आगमन हुआ। सर्वप्रथम सहायक आयुक्त विजय डेहरिया एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक की प्राचार्या अनुजा मिश्रा ने अमरकंटक पहुंचे एथलीट , सब इंस्पेक्टर संग्राम सिंह धुर्वे का पुष्पगुच्छ भेंट कर माला पहनाकर उनका स्वागत अभिनंदन किया। तत्पश्चात् मंच में मां  वीणावादनी मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर पुष्प अर्पित किया गया। मंच का संचालन कन्या क्रीड़ा परिसर की अधीक्षिका एवं खेल प्रशिक्षक संगीता दीन ने बड़े सहज अंदाज में किया। इस दौरान सहायक आयुक्त प्रभारी विजय डेहरिया एवं विद्यालय की प्राचार्या अनुजा मिश्रा ने गोल्ड मेडलिस्ट संग्राम सिंह धुर्वे को प्रतीक चिन्ह भेंट किया । वही प्राचार्या ने  सहायक आयुक्त प्रभारी विजय डेहरिया को प्रतीक चिन्ह भेंट स्वरूप देकर सम्मान किया। 


गौरतलब हो कि संग्राम सिंह धुर्वे पिता कुंवर सिंह धुर्वे जन्म 03 मई 1976 को खेतगांव तहसील पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक में हुई थी , इस दौरान वर्ष 1995-96 में बालक क्रीड़ा परिसर अमरकंटक में रहकर उन्होंने खेल अभ्यास किया। उनका छात्र जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने खेल जगत में एक अनूठा नाम कमाया है। वे ओपन नेशनल एथलेटिक्स बैंगलोर में तीरंदाजी में गोल्ड मेडलिस्ट और 3000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद वर्ष 2022 में ही ओपन नेशनल एथलेटिक्स नासिक महाराष्ट्र में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक और 10,000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था । वर्ष 2023 में चयनित संग्राम सिंह इंटरनेशनल एथलेटिक्स गेम थाईलैंड में 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल 400 मीटर रिले में गोल्ड मेडल और 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाकर अपना नाम रोशन कर परचम लहराया था। हाल में वह सब इंस्पेक्टर पद पर दुर्ग छत्तीसगढ़ में पदस्थ है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मोर्चा संभालते हुए 315 एनकाउंटर किया है जिसके लिए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है इसके साथ ही उन्हें प्रमोशन भी दिया गया है।


उन्होंने बताया की नक्सलियों के द्वारा मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी मिली थी फिर भी में और मेरा परिवार इस प्रकार की धमकी से नही डरा । उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी शर्मिला धुर्वे, बेटा हर्षित धुर्वे व बेटी प्राची धुर्वे कराटे में निपुण है साथ ही में स्वयं ब्लैक बेल्ट हूं। मेरा बेटा ग्रीन बेल्ट है । 


क्रीड़ा परिसर में उपस्थित बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए मंच से संग्राम सिंह ने कहा कि मैं इसी स्कूल का छात्र हूं , मुझे स्कूल से शिक्षा मिली साथ ही खेल प्रशिक्षक संगीता दीन ने मुझे बहुत प्रेरित किया उन्होंने कहा छात्र जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि है मैं उनका सदैव सम्मान करता रहूंगा । उन्होंने बच्चों से कहा जीवन में कभी हार नही मानना चाहिए । मेरा जीवन भी आपकी तरह था संघर्ष ही जीवन है जीवन में एक लक्ष्य का होना अनिवार्य है। जब में थाईलैंड के अंतिम दौड़ में था मेरा प्रतिद्वंदी में से 22 सेकेंड आगे था तब में टूट रहा था तभी मेरी बात मेरी खेल प्रशिक्षक संगीता दीन से हुई उन्हें अपनी टूटते हिम्मत के बारे में बताया उन्होंने कहा कि तुम बस नही थके हो तुम्हारा प्रतिद्वंदी भी थका है सब कुछ भूल कर मां नर्मदा का नाम लो और दौड़ जाओ , जीत हार जीवन में होता है पर मन लगा कर दौड़ो और मैंने ऐसा ही किया और दौड़ पड़ा और जीत लिया स्वर्ण पदक , ठीक इसी तरह आप लोग भी जीतने के लिए संघर्ष करो सफलता कदम चूमेगी। 


उन्होंने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी अमरकंटक आता हूं तो मुझे अपना छात्र जीवन याद आता है , तो में क्रीड़ा परिसर अमरकंटक जरूर आता हूं। उन्होंने बताया कि जब में कालेज पढ़ने लखौरा गया तो वहां से मैं चेन्नई में 4200 मीटर का मैराथन में हिस्सा लिया , जहां से खेल अधिकारियों ने मेरी प्रतिभा को देखते हुए  मुझे बिना आवेदन के पुलिस में भर्ती कर दिया गया। साथ ही मुझे खेल में प्रयास जारी रखने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा की छात्र जीवन में किसी भी प्रकार का व्यसन व नशा नहीं करना चाहिए । उन्होंने स्कूली सभी विद्यार्थियों को भी नशा करने से मना किया । साथ ही यह भी कहा की अच्छे कामयाब लोगो के पीछे परिवार के अंदर भी टांग खींचने वाले लोग रहते है , इसलिए मैं भी अपने काम के अलावा परिवारों में कम ही आता जाता हूं । 


उन्होंने बताया कि आगामी साउथ कोरिया में एशियन टीम से प्रतिनिधित्व करूंगा जो 31 मई से 12 जून तक आयोजित होगी प्रयास करूंगा कि यदि सौभाग्य से मेरा चयन हुआ तो वर्ष 2025 ओलंपिक में भाग लेने जाऊंगा और मैं बहुत मेहनत कर ओलंपिक में भी अपने देश का नाम व गौरव बढ़ाऊंगा ।


उन्होंने पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के परिषरो में रहने वाले बच्चों को नेशनल खेल में जाने वालो को ट्रैक सूट , जुटा - मोजा आदि देने की घोषणा की थी बाद में उन्होंने बच्चो से बातचीत में सिर्फ अमरकंटक क्रीड़ा परिसर के बच्चों को घोषणा करते हुए कहा कि आप प्रयास करो जो भी नेशनल खेलने जायेगा उसे मैं अपनी तरफ से नेशनल का ट्रेक शूट , जूता मोजा, और किट मैं स्वयं अपने तरफ से दूंगा ।


सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि एथलेटिक संग्राम सिंह धुर्वे ,विजय डेहरिया सहायक आयुक्त डिप्टी कलेक्टर ,मैडम अनुजा मिश्रा प्राचार्या शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक, पीटीआई संगीता दीन अधीक्षिका कन्या क्रीड़ा परिसर , पीटीआई विजय पाल सिंह अधीक्षक बालक क्रीड़ा परिसर , आर एस कुशवाहा कल्याणिक बीएड कालेज , जितेंद्र तिवारी शिक्षक , सौखी लाल सारीवान शिक्षक, देवेंद्र कुमार मिश्रा शिक्षक , चरण सिंह उइके, ओ पी बाटीया , शर्मिला धुर्वे, आर पी त्रिपाठी , छोटी बाई धुर्वे, हर्षित सिंह धुर्वे, प्राची धुर्वे , श्यामकली धुर्वे, कुंवर सिंह धुर्वे, पीटीआई कमलेश देवकते खेल प्रशिक्षक नवोदय विद्यालय अमरकंटक , महेंद्र गुप्ता शिशु मंदिर अमरकंटक , पत्रकार श्रवण कुमार उपाध्याय, सोमू दुबे सहित विद्यालय एवं क्रीड़ा परिसर के समस्त स्टाफ एवं बालक बालिकाओं की उपस्थिति गरिमापूर्ण रही।

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