सरस्वती शिशु मंदिर अमरकंटक में हुआ वार्षिक उत्सव
श्रवण उपाध्याय (पत्रकार)
अनूपपुर/अमरकंटक :- मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर / उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक में हुआ सांस्कृतिक एवं शारीरिक वार्षिक उत्सव । कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टर आनंदराव सह क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्याभारती , प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक , विजय आनंद मरावी सचिव जनजाति शिक्षा विद्या भारती , सह प्रांत प्रमुख श्री शिवानंद जी सिन्हा महाकौशल प्रांत , त्रियुगीनारायण प्रांत प्रमुख ग्रामीण शिक्षा , राम शिरोमणि शर्मा विभाग समन्वय शहडोल , प्रदीप सोनी जिला सचिव अनूपपुर , राज सिंह भदौरिया शांति कुटी आश्रम अमरकंटक , नर्मदा मंदिर पुजारी उमेश द्विवेदी (बंटी महाराज) एवं ओम प्रकाश अग्रवाल विद्यालय के व्यवस्थापक , शिव प्रसाद तिवारी बिजुरी प्राचार्य , ब्रजकिशोर शर्मा प्राचार्य सरस्वती उ. माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक की उपस्थिति प्रमुख रूप से रही साथ ही भैया / बहनों के साथ उनके परिजन , नगर के गणमान्य नगरीकगण , पत्रकार बंधु । सांस्कृतिक वार्षिक उत्सव के प्रारंभ होने के पूर्व मां सरस्वती जी की प्रतिमा के सामने सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । पहला कार्यक्रम शारीरिक में योग पिरामिड , सूर्य नमस्कार एवं नृत्य नाटक के मनमोहक प्रस्तुति भैया बहनों द्वारा की गई , जिसमें मौलिक रूप से अधिकांश कार्यक्रम की बहुलता थी साथ ही कार्यक्रम पूरे अमरकंटक से लगभग 25 सौ लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए आए तथा कार्यक्रमों को देखकर लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की एवं समस्त कार्यक्रम विद्या भारती के अनुरूप ही प्रस्तुत किए गए । देश के प्रत्येक राज्य के जो मौलिक स्वरूप हैं उनकी झलकियां दिखाई गई । गुजराती ,, पंजाबी , छत्तीसगढ़ी आदि के कार्यक्रमों का समावेश किया गया और साथ ही कुलपति श्री प्रकाशमणि त्रिपाठी जी द्वारा संस्कार शिक्षा पर उद्बोधन दिया और सभी आम नागरिक व भैया /बहनों ने ध्यान पूर्वक सुना तथा इसका लाभ प्राप्त हुआ ।
डॉ आनंद राव जी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित अभिभावकों से आग्रह किया गया कि आप अपने बच्चों का अध्ययन अध्यापन ऐसे विद्यालय में कराएं जहां बालक का सर्वांगीण विकास होता हो तथा आज की इस चकाचौंध की दुनिया में हम अपने बच्चों को ऐसी संस्कार युक्त शिक्षा दें ताकि अपने माता पिता एवं परिवार के सदस्यों का आदर एवं सम्मान करने की शिक्षा मिलती हो । समाज में फैल रही कुरीतियों में कहीं भी बच्चों का हाथ ना हो । वह सच्चरित्र बालक निर्माण का केंद्र व सर्वांगीण विकाश के लिए सरस्वती शिशु मंदिर ही चुने । यह जवाबदारी आपकी की ही है ।अंत में कार्यक्रम के समाप्ति के पूर्व स्कूल प्रबंधन द्वारा आए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।