विवादों में रही अनूपपुर नगर पालिका सी एम ओ ज्योति सिंह का हुआ ट्रांसफर  दो दिनों में कर्मचारियों के कार्य विभाजन के दो आदेश किए थे जारी publicpravakta.com


विवादों में रही अनूपपुर नगर पालिका सी एम ओ ज्योति सिंह का हुआ ट्रांसफर 


दो दिनों में कर्मचारियों के कार्य विभाजन के दो आदेश किए थे जारी


स्नेहा मिश्रा होंगी अनूपपुर की नई सी एम ओ 

  

अनूपपुर :-  नगरपालिका परिषद अनूपपुर की  सीएमओ ज्योति सिंह का कार्यकाल बहुत लंबा तो नही रह लेकिन अपने कार्यकाल में वह अपने काम से ज्यादा विवादों के कारण ज्यादा चर्चा में रही वैसे उनका अनूपपुर का कार्यकाल छुट्टियों में ज्यादा बीता और अनूपपुर  नगरपालिका का कार्य प्रभारी सी एम ओ के दम पर चलता रहा । अनूपपुर नगर पालिका में नई परिषद के गठन के बाद से ही पार्षदों और सी एम ओ में आपसी सामंजस्य की कमी दिखी और ज्योति सिंह नवीन परिषद से तालमेल बिठाने में नाकामयाब रही और विवादों में घिरती चली गई अंततः उनका ट्रांसफर अनूपपुर से उमरिया के लिए कर दिया गया ।


सी एम ओ पति भी रहे सुर्खियों में 


अनूपपुर नगर पालिका सी एम ओ ज्योति सिंह अपने पूरे कार्यकाल के दौरान विवादों में रही तो उनके पति ने विवादों में रहकर उनसे ज्यादा सुर्खिया बटोरी सी एम ओ की गाड़ी में घूमने के लेकर विवादों में वह पहली बार आए जब यातायात द्वारा उन्हें समझाइस देकर छोड़ा गया । फिर निलंबित सहायक राजस्व निरीक्षक गजाला परवीन ने सी एम ओ पति से अपनी जान का खतरा बता कर लिखित शिकायत पुलिस में कई थी ।


ज्योति सिंह के विवाद जो रहे सुर्खियों में 


ज्योति सिंह ने जब अनूपपुर नगर पालिका सी एम ओ का प्रभार ग्रहण किया उसके कुछ दिन बाद ही उत्कृष्ट विद्यालय ग्राउंड में आयोजित एक शाशकीय कार्यक्रम के कार्ड में अनूपपुर नगर पालिका की अंत्योदय समिति के अध्यक्ष का नाम व अन्य किसी का नाम आमंत्रण कार्ड में नही छपवाने की वजह से  के स्थानीय नेताओ ने कार्यक्रम के अ विरोध किया था और अंततः कार्यक्रम को निरस्त करने पड़ा था ।


नगर पालिका में पार्षद पतियों के साथ की थी बैठक


सी एम ओ ज्योति सिंह ने पार्षद पतियों के साथ नगर पालिका में बैठक की थी जब मीडिया में यह बैठक सुर्खिया बने लगी टैब उन्होंने इस बैठक को सद्भावना बैठक का नाम दे दिया था 


दो दिनों में कर्मचारियों के कार्य विभाजन के दो आदेश किए थे जारी 


सी एम ओ ज्योति सिंह ने 10/11/22 को कर्मचारियो के नए सिरे से कार्य विभाजन के आदेश जारी किए थे  जिसमें विभिन्न कर्मचारियों को उनके कार्य विभाजन का आदेश जारी किए गए था लेकिन उस आदेश में सहायक वर्ग 2 सशि तिवारी का नाम कही नही था और उस आदेश की कॉपी को सोची समझी रणनीति के तहत वाइरल करवाया और शशि तिवारी जो पूर्व में भवन निर्माण प्रभारी थी को उनके पद से हटाने की हेडलाइन मीडिया में सुर्खियां बनी थी लेकिन उसके दूसरे ही दिन 11/11/22 को सी एम ओ ज्योति सिंह ने एक और आदेश जारी किया जिसमें सहायक वर्ग 2 शशि तिवारी को बिल्डिंग क्लर्क बनाने का आदेश जारी किया यह आदेश बिल्कुल भी सुर्खियों में नही रहा और शशि तिवारी के लिए एक अनोखी और नई पोस्ट  सी एम ओ ज्योति सिंह द्वारा इजात कर दी गई ।




 विगत दिनों पीआईसी की बैठक में हुआ था हंगामा


विगत दिनों अनूपपुर नगर पालिका की पी आई सी की बैठक में आयोजित की गई थी जिसमे जमकर हंगामा हुआ था और सी एम ओ ज्योति सिंह ने  वार्ड नंबर 9 के पार्षद अनिल पटेल और वार्ड 11 के वरिष्ठ पार्षद प्रवीण सिंह की सदस्यता रद्द करने जिला कलेक्टर को पत्र लिखी थी । और उसके बाद सी एम ओ और अध्यक्ष ने पीआई सी को भंग कर दिया था ।

उसी के बाद से तय माना जा रहा था कि सी एम ओ ज्योति सिंह का अनूपपुर नगर पालिका में कार्यकाल लम्बा नही चल पाएगा । हालांकि उनका ट्रांसफर प्रशासनिक तौर पर हुआ है लेकिन शहर में चर्चा का विषय है कि पी आई सी की बैठक से उपजे विवाद ने ही सी एम ओ का ट्रांसफर करवा दिया ।


नगर पालिका में चल रही है वर्चस्व की लड़ाई 


अनूपपुर नगर पालिका में कुछ माह पूर्व हुए चुनाव में कई दिग्गजों की टिकट काटी गई और कई दिग्गज टिकट मिलने के बाद भी जनता नर नकार दिया कि कई पैराशूट उम्मीदवारो ने जीत हासिल की तो कई को हार मिली अंततः नवीन परिषद में चुनकर आये प्रतिनिधियों में भाजपा के 7 कांग्रेस के 3 और निर्दलीयों ने 5 सीट जीतकर अपनी ताकत दिखाई लेकिन किसी भी दल को बहुमत नही मिल सका वही से जोड़तोड़ की राजनीति प्रारम्भ हुई    और भाजपा ने अपनी साख बचाने के लिए वार्ड नंबर 1 की निर्दलीय पार्षद श्रीमती अंजुलिका शैलेन्द्र सिंह को भाजपा में शामिल कराकर उन्हें अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया और वार्ड 12 की निर्दलीय पार्षद सुनीता बियानी भी भाजपा में शामिल हो गई लेकिन अध्यक्ष के चुनाव परिणाम आते ही भाजपा के दिग्गजों नींद उस चुकी थी क्यो की 3 सीट लेन वाली कांग्रेस को अध्यक्ष पद में 7 वोट मिले थे और 2 निर्दलीयों को शामिल करने के बाद भी भाजपा 8 वोट ही पा सकी थी और शपथ ग्रहण में 15 में से कुल 6 पार्षद ही सामिल हुए थे और 9 पार्षदों ने सपथ ग्रहण कार्यक्रम से दूरी बना ली थी । वही से नगर पालिका में पार्षदों में ही वर्चस्व की लड़ाई की सुरुवात हो गई थी और बाद में सी एम ओ भी परिषद में तालमेल बिठाने में फेल रही और वह भी पार्षदों की लड़ाई में अघोषित रूप से सामिल हो गई ।

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