आर्थिक गड़बड़ी पर उपयंत्री यादव की सेवा समाप्त की कलेक्टर ने लगाई मोहर
पेयजल परिवहन एवं निर्माण कार्यों में आर्थिक अनियमितता की थी शिकायत
अनूपपुर/बिजुरी :- नगर पालिका में बीते कार्यकाल में जमकर आर्थिक अनियमितता हुई। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह भी 13 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप अपनी ही पार्टी के परिषद पर लगा चुके हैं। आर्थिक गड़बड़ी के मामले में जन शिक्षा केंद्र कोतमा में संविदा उपयंत्री रविंद्र यादव जिन्हें बिजुरी नगर पालिका में उपयंत्री का प्रभार भी दिया गया था पूरे मामले में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा की गई जांच में उपयंत्री को भी दोषी पाया गया था। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर कार्यालय से 10 मई को नोटिस भी जारी की गई थी, इस मामले की जांच शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से कराई गई जिसके बाद संविदा उपयंत्री की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद 9 नवंबर को कलेक्टर सोनिया मीना ने सेवा समाप्ति के 7 पेज के आदेश पर हस्तार किया। नाली निर्माण और तोडऩे में अनियमितता 20 दिसंबर 2021 को संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा सौंपे का जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया था कि वार्ड क्रमांक 8 में सीसी नाली निर्माण का कार्य समर्थ कंस्ट्रक्शन सीधी के द्वारा कराया गया था, उपयंत्री के द्वारा 650 मीटर नाली का भुगतान प्रस्तावित किया गया था जबकि निरीक्षण के दौरान 550 मीटर नाली का निर्माण पाया गया। गुणवत्ताम विहीन नाली को तोडऩे का आदेश भी जारी किया गया था जिसके बाद उपयंत्री के द्वारा फर्जी तरीके से पंचनामा बनाकर नाली को तोड़े जाने की बात लिख दी गई थी। इस पंचनामे के 5 महीने बाद तत्कालीन सीएमओ मीना कोरी के द्वारा नाली को तुड़वाया गया था। रॉयल्टी में भी हेरफेर जांच के पश्चात नगर पालिका अंतर्गत विभिन्न वार्डों में कराए गए निर्माण कार्यों में रॉयल्टी की राशि भी उपयंत्री के द्वारा नहीं काटी गई थी जिससे शासन को आर्थिक रूप से क्षति पहुंची। अधिकांश निर्माण कार्य समर्थ कंस्ट्रक्शन सीधी के द्वारा ही कराए गए हैं जिन पर उदारता बरतते हुए उपयंत्री के द्वारा मूल्यांकन एवं रॉयल्टी तथा परफॉर्मेंस की राशि को लेकर हेरफेर की गई थी। आर्थिक अनियमितता के मामले को लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है। पेयजल परिवहन के मामले में भी उपयंत्री के द्वारा नियमों की अनदेखी के आरोप लगे थे। 5 माह बाद आदेश जारी इस पूरे प्रकरण में चौंकाने वाली बात यह भी रही कि जब उपयंत्री की सेवा समाप्ति के संबंध में डीपीसी सर्व शिक्षा अभियान हेमंत खैरवार ने बतायाकि सेवा समाप्ति का प्रस्ताव पास होने के बाद आज 9 नवंबर को आदेश जारी हो गया हैं।