उच्चन्यायालय द्वारा तत्कालीन जनपद सीईओ के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश,गलत सिफारिश दिया गया वन अधिकार पट्टा publicpravakta.com  

 


उच्चन्यायालय द्वारा तत्कालीन जनपद सीईओ के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश 


गलत सिफारिश दिया गया वन अधिकार पट्टा


अनूपपुर :-  याचिका क्रमांक 15043 की 31 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विवेक अग्रवाल व कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना का लाइव संक्षिप्त वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हुआ, उक्त मामले में हाईकोर्ट द्वारा प्रकरण की सुनवाई में दोषी तत्कालीन जनपद सीईओ के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश देते हुये कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत किये गये तर्क पर प्रकरण को समाप्त कर दिया गया। जानकारी अनुसार हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा 31 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश श्रीअग्रवाल द्वारा एसईसीएल सोहागपुर के जनरल प्रबंधक द्वारा दायर याचिका तथा प्रतिवादी राकेश कुमार पनिका पुत्र लल्लू प्रसाद पनिका निवासी शनिचरी बाजार अमलाई, अतिरिक्त कमिश्नर शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर व डीएफओ अनूपपुर के प्रकरण की सुनवाई करते हुए आदेशित किया है कि प्रतिवादी क्रमांक 1 राकेश कुमार पनिका को वन अधिकार का पट्टा गलत सिफारिश के आधार पर जारी किया गया था। जबकि भूमि एसईसीएल के पक्ष में निहित है। जनपद पंचायत जैतहरी के तत्कालीन सीईओ द्वारा प्रतिवेदन एवं फर्जी दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण पर न्यायालय कलेक्टर अनूपपुर द्वारा प्रतिवादी क्रमांक 1 राकेश कुमार पनिका को वन अधिकार के तहत पट्टा प्रदान करने का पात्र माना गया था, जिससे वह एसईसीएल में मुआवजा पाने का हकदार बन गया था। एसईसीएल द्वारा इस संबंध में हाई कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई। जिसकी व्यक्तिगत सुनवाई में कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना को व्यक्तिगत उपस्थित होने तथा प्रतिवादी के वनाधिकार पट्टे के संबंध में पारित आदेश की परिस्थितियों के संबंध में पक्ष रखने को कहा गया। तब वनाधिकार समिति की पुनः परीक्षण कराने पर पाया गया कि प्रतिवादी राकेश पनिका द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर गलत आदेश कलेक्टर न्यायालय से पारित करा लिया गया है। जिसके बाद कलेक्टर अनूपपुर द्वारा इस आदेश को पुनर्विलोकन में लेकर निरस्त कर दिया गया और हाई कोर्ट को अवगत कराया गया। जिस पर हाई कोर्ट द्वारा जवाब को मान्य करते हुए दोषी जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आदेश दिए गए हैं। जिस पर कलेक्टर अनूपपुर द्वारा हाई कोर्ट को अवगत कराया गया कि तत्कालीन सीईओ वर्तमान में जिले के अधिकार क्षेत्र में तैनात नही है। वह संबंधित सीईओ के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को लेख किया जाएगा, जिन्होंने गलत सिफारिश की थी। कलेक्टर अनूपपुर द्वारा प्रस्तुत प्रभावी जवाब को मान्य करते हुए हाई कोर्ट ने प्रकरण डिस्पोज किया है।

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