हाथियों ने फिर मचाया उत्पात,घर की छतों में चढ़कर लोगों ने बचाई अपनी जान
वन परीक्षेत्र कोतमा के टांकी गांव के मोहल्ले में पूरी रात तीन हाथियों ने मचाया उत्पात घर की छतों में चढ़कर बैगा समाज ने के लोगों ने बचाई अपनी जान,वन विभाग कर रहा है निगरानी
अनूपपुर :- विगत दो माह बाद पुनः तीन दंतैल हाथियों का समूह विगत तीन दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन क्षेत्र के कटरा बीट से मध्यप्रदेश के अनूपपुर वन मंडल के वन परीक्षेत्र कोतमा अंतर्गत टांकी बीट के जंगल तथा गांव में आकर निरंतर उत्पात मचा रहे है जिससे ग्रामीणों में दहशत की स्थिति बनी हुई है,निरंतर वर्षा के बाद भी वन विभाग का अमला ग्रामीणों को सतर्क करते हुए हाथियों के विचरण क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं ।
विवरण में मिली जानकारी अनुसार शनिवार की देर शाम तीन हाथियों का दल जो विगत दो दिन पहले मरवाही वन परिक्षेत्र के कटरा-उसाड बीट से वन परिक्षेत्र कोतमा के टांकी के जंगल में रुकने बाद शुक्रवार तथा शनिवार को मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के नारायणपुर बीट के जंगल में चला गये रहे,शनीवार देर साम वापस आकर टांकी के बैगानटोला में सुख्खू बैगा का कच्चा घर तोड़ने वालों के अंदर रखा खाद्य सामग्री को अपना आहार बनाया हाथियों के आने के डर से बैगा समाज के ग्रामीण निरंतर वर्षा होने के बाद भी मोहल्ले में बने प्रधानमंत्री आवास की छत में चढ़कर तथा पड़ोस की टोले में जाकर अपनी जान बचाई हाथियों का दल देर शाम तक बैगानटोला से फुलवारी टोला स्थित गुड्डू विश्वकर्मा की बाउंड्री तोड़कर बाड़ी में घुसकर केला तथा अन्य फसल खाने बाद बरटोला में बैराग सिंह के वाड़ी में घुसकर बॉडी में लगे फसलों तथा अन्य पेड़ों को तोड़कर अपना आधार बनाते हुए देर रात बिछली टोला निवासी धनपत सिंह गोड का कच्चा मकान तोड़ते हुए घर के अंदर रखा धान व अन्य खाद्य सामग्रियों को खाया इस दौरान घर मे फसे तीन लोगो को गाव वालो ने सुरछित बाहर निकाला, सौठियान घर से होते हुए सुबह चार बजे के लगभग महानीम कुंडी के जंगल की ओर चले गए। हाथियों के आने की सूचना पर वन परिक्षेत्र कोतमा का वन अमला हाथियों के विचरण पर निरंतर निगरानी बनाए रखते हुए ग्राम टांकी के बैगानटोला,फुलवारीटोला,नवा टोला,बरटोला बिछलीटोला एवं सौठियान घर के पास के ग्रामीणों को सतर्क किया। इस दौरान एक घर में हाथी घर के आस-पास विचरण कर रहे थे वही घर के अंदर लगभग 15-20 लोग रहे जिन्होंने पक्के घर के अंदर ही रह कर अपनी अपनी जान बचाई ।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर