सनबीम विद्यालय ने बीच सत्र में मनमाने तरीके से बढ़ाया वाहन शुल्क publicpravakta.com


 सनबीम विद्यालय ने बीच सत्र में मनमाने तरीके से बढ़ाया वाहन शुल्क  


शिक्षा की जगह समस्या अभिवावक परेशान, प्रबंधन का हिटलर शाही आदेश


अनूपपुर :-  जिले में निजी विद्यालयों की बाढ़ सी आ गयी है लगातार जिले में निजी विद्यालयों की संख्या बढ़ती जा रही है निजी विद्यालय नियम शर्तो का पालन करे या न करे मगर मान्यता बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जाता हैं। और मान्यता मिलने के बाद नियम शर्तो को जेब मे रखकर मनमानी पूर्वक अपने नियमों को लागू करके बच्चो के अभिवावक को परेशान किया जाता है एडमिशन, टयूशन, ड्रेस, बस, किताबो को लेकर हमेशा विद्यालय प्रबंधन और अभिवावक के बीच नोक झोंक होना आम बात हो गयी है निजी विद्यालयों में बहुत सारी कमियों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है पढ़ाई का स्तर अच्छा हो न हो मगर फीस पूरी चाहिए शिक्षा के नाम पर लूट विद्यालय खोलकर खुलेआम आम जनता को ठगा जा रहा है किराए के कमरे में चलने वाले विद्यालय आज करोड़ो के खुद के बिल्डिंग विद्यालय चला रहे हैं। छात्रों के माता पिता के पास ऐसी संस्था में पढ़ाने और इनसे लूटने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नही होता हैं।


मनमाना बढ़ाया वाहनों का किराया


जिला मुख्यालय में स्थित सनबीम विद्यालय की व्यवस्था सही न होने से बच्चो और अभिवावकों को काफी परेशानी हो रही है यह विद्यालय के वर्षों से जिला मुख्यालय में संचालित है पहले यह विद्यालय चेतनानागर में किराए के 6 कमरों में संचालित था मगर अब विद्यालय खुद के बिल्डिंग में जेल बिल्डिंग के पास लग रहा है। आये दिन किसी न किसी कारण यह विद्यालय सुर्खियों में बना रहता है। विद्यालय प्रबंधन तो फीस तो भरपूर ले रहा है मगर सुविधाए पर्याप्त नही दे पा रहा है। ऐसे में विद्यालय को चला पाना आसान नही होगा। प्रशासन समय समय पर निरीक्षण न करने से इनकीं दादागिरी और भी बढ़ती जा रही है।


विद्यालय चला रहा बिना परमिट, फिटनेस का वाहन


जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर जिला जेल के पास संचालित सनबीम विद्यालय में छात्रों के लिए चलने वाले वाहनों का फिटनेस परमिट नही है फिर भी धड़ल्ले से उन्ही वाहनों में बच्चो को स्कूल से घर तक का सफर कराया जाता। कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा छात्रों के माता पिता को यह नही मालूम कि उनके बच्चे बिना परमिट, फिटनेस के बस में सफर करके मौत का सफर कर रहे हैं। शासन को धोखे में रखकर स्कूल वाहन संचालित कर रहा है और शासन को टैक्स के रूप में मिलने वाली राशि को विद्यालय प्रबंधन डकार रहा है। कुछ दिनों पहले एक स्कूल का वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई थी और 8 बच्चे घायल हो गए थे। यातायात पुलिस ने सनबीम की 2 वाहनों जो बिना परमिट फिटनेस चल रहे थे उनको जप्त कर थाना में खड़ा कर लिया गया।



अभिवावक परेशान विद्यालय का हिटलरशाही आदेश


यातायात पुलिस ने जब सनबीम की स्कूली वाहन जप्त कर ली उसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने बच्चो के लिए कोई दूसरा वाहन उपलब्ध नही कराया जिसके कारण बहुत सारे बच्चे विद्यालय नही पहुँच पा रहे हैं वही कुछ अभिवावक सुबह दोपहर बच्चो को स्कूल पहुचाने और लाने में अपने काम का नुकसान करना पड़ रहा है। विद्यालय प्रबंधन का वाहन जप्त होने के बाद जितना जुर्माना लगा वह नुकसान की राशि बच्चो के माता पिता से वसूलने के हिटलरशाह फरमान जारी कर दिया है। पहले जिस जगह का एक बच्चे को विद्यालय से घर लाने के जाने का 800 रुपये लग रहा था उसको बढ़ाकर सीधे 1800 रुपये करके अभिवावको के ऊपर बोझ बढ़ा दिया गया है। अब ऐसे में बच्चो के माता पिता के साथ पीछे कुआ आगे खाई वाली कहावत नजर आ रही है अब क्या करे बच्चो को पढ़ाना है तो विद्यालय की शर्तों का पालन करना ही पड़ेगा।


विद्यालय का खेल मैदान लापता


सनबीम विद्यालय के पास खेल मैदान तो है मगर नाम के लिए है विद्यालय के सामने जो बच्चो के लिए खेल का मैदान बताया जा रहा है वह 60 प्रतिशत गाजर घास से भरा पड़ा है, 20 प्रतिशत हिस्से में बिल्डिंग बनाने की सामग्री रेत, पत्थर से भरी पड़ी है और 20 प्रतिशत भाग पर वाहनों को पार्क करके विद्यालय प्रबंधन खुद अतिक्रमण करके बैठा है ऐसे में बच्चे कहा पर खेलेंगे विद्यालय प्रबंधन जरा बता दे बच्चे कोई खेल खेल नही पा रहे हैं ऐसे में बच्चो का शारीरिक विकास कैसे होगा गाजर घास में खेलकर अपने आप को बीमार तो नही कर सकते, पत्थरो रेत के बीच खेलकर अपने हाथ पैर कौन तोड़ेगा। खेल मैदान में चारो तरफ बाउंडरी बाल न होने से किसी भी समय वहाँ पर जानवर अंदर घुस जाते हैं जिससे कभी अप्रिय घटना हो सकती है। छोटे छोटे बच्चे कितनी देर बाहर चले जाए किसी कों पता ही नही चलेगा इतनी बड़ी लापरवाही विद्यालय प्रबंधन कर रहा है


बहुत सारी कमियां प्रसाशन मौन


नाम न छापने की स्थिति ने सनबीम विद्यालय के बच्चो के अभिवावकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय की फीस जिस हिसाब से लिया जाता हैं उस हिसाब से विद्यालय में सुविधा नही दी जाती है पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक नही है और जो शिक्षक वहाँ पर पढा रहे हैं उन शिक्षकों से बच्चे संतुष्ट नही है। इसके अलावा भी बहुत सारी कमियां विद्यालय में नजर आ रही है। विद्यालय में अभी कैंटीन खोलकर बच्चो को कैंटीन से सामान खरीदने का दबाब बनाया जाता हैं। जिसके कारण बच्चो के अभिवावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

इनका कहना है 


इस मामले पर बात करने के लिए सनबीम विद्यालय के प्राचार्य प्रभा श्रीवास्तव को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नही किया


सनबीम विद्यालय की 1 बस एक ओमनी वाहन को परमिट, फिटनेस न होने के कारण जप्त कर थाना में खड़ा किया गया था।


बीरेंद्र कुमरे यातायात प्रभारी अनूपपुर


आपने मामले को हमारे संज्ञान में लाया है जो भी विद्यालय में समस्या है उनके लिए विद्यालय प्रबंधन को जल्द ही निर्देशित किया जाएगा।


तुलाराम आर्मो जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर

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